जब माता वैष्णो देवी की कृपा से बची भक्तों की जान…लोगों ने लगाये जय माता दी के नारे

New Delhi : कहते हैं कि कण कण में भगवान बसे हैं। बस भक्त सच्चे मन से उन्हें पुकारे तो भगवान उसकी रक्षा स्वयं करते हैं। इसका जीता-जागता उदाहाण वाराणसी-शक्तिनगर मुख्य मार्ग पर डाला–बारी खनन क्षेत्र में स्थित मां वैष्णो देवी का मंदिर है। जो अपनी स्थापना के बाद से ही विशेष आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहां रोजाना ही भक्तों की भीड़ लगी होती है और नवरात्रि के दौरान तो सब माता के दर्शन चाहता है। मां वैष्णो शक्तिपीठ धाम की स्थापना का इतिहास एक आश्चर्यजनक घटना पर आधारित है। सन 2001 की बात है, चोपन निवासी मदनलाल गर्ग अपने घर से कार लेकर कटरा वैष्णो देवी के लिए परिवार सहित निकले, रास्ते में अचानक उनकी कार एक ट्रक में जा घुसी और ट्रक का शिकार हो गई।

बहुत जबर्दस्त ढंग से कार ट्रक में घुसी थी, जिसे देखकर लोग सोच रहे थे कि कार में सवार कोई नहीं बचा होगा। घंटों प्रयास के बाद जब ट्रक के अन्दर से कार को निकाला गया तो कार में सवार लोग बिल्कुल सुरक्षित निकले। तब वहां मौजूद लोगों ने कहा कि ये सब माता वैष्णो देवी के चमत्कार से हुआ है और  लोगों ने  वहीं मां वैष्णो का मंदिर निर्माण कराये जाने की ठान ली।
यह क्षेत्र पहाड़ों से घिरा और सोन नदी के किनारे पर है , यहां पत्थर की खदाने और क्रशर प्लांट ही थे । लोगों ने इतने बड़े मंदिर निर्माण की कल्पना भी नहीं की थी, लेकिन जब मंदिर का निर्माण शुरू हुआ तो मां की असीम कृपा से पैसा आता गया और मंदिर निर्माण का कार्य बढ़ता गया। मंदिर निर्माण के लिए कभी पैसों की कमी नहीं हुई। जिस दिन जम्मू से अखंड ज्योति नवनिर्मित मंदिर में लाई गई तो अचानक मौसम बदल गया और एकाएक तेज हवा, बादलों की गरज के साथ घनघोर बारिश हुई, जिससे लोगों को एहसास हुआ कि वास्तव में कोई शक्ति का पदार्पण मंदिर में हुआ है।
मंदिर के अंदर प्रवेश करने के लिए पहले आपको गुफा से होकर गुजरना होगा जो अपने आप में बिलकुल प्राकृतिक लगता है। इस गुफा में जगह-जगह जंगल और जंगली जानवर हाथी, बाघ ,चीता, लंगूर, बंदर, भालू, सांप का प्रतिरूप निर्मित है जिसे एक बारगी देख श्रद्धालु डर जाते हैं वहीँ उनको देखकर भक्तों को अच्छा लगता है।
मन्दिर के प्रधान पुजारी पंडित श्रीकांत तिवारी ने बताया कि डाला-बारी में स्थित मां वैष्णो शक्तिपीठ धाम में तो हर रोज दूरदराज से भक्त दर्शन-पूजन के लिए आते हैं। यहां पर माता आदिशक्ति के नव रूपो की विशेष पूजा की जाती है।

नवरात्रि समेत अन्य अवसरों पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते जाते हैं और मन चाहीं मुराद मां उन सबकी पूरा करती है। दिनोंदिन भक्तों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। मनोकामना पूरा होने के लिए मंदिर के प्रागंण में नारियल बांधते हैं।

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