New Delhi: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ट्रेन हादसे के 12 घंटे बाद ही बालासोर में घटना वाली जगह पर पहुंच गए थे। इसके बाद से ही वैष्णव ओडिशा में जुटे हैं। यहां उन्होंने रेलवे ट्रैक की मरम्मत से लेकर अस्पताल में घायलों तक से मुलाकात की है और घटना की जांच संबंधी आदेश भी दिए हैं। हादसे के 51 घंटे बाद रात को इस ट्रैक से जब पहली ट्रेन रवाना की गई, तब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव हाथ जोड़कर खड़े दिखे। उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी अभी खत्म नहीं हुई। हमारा लक्ष्य लापता लोगों को खोजना है। यह कहकर वे भावुक हो गए।
बालासोर में डाउन लाइन को पुनः किया गया रिस्टोर।
घटना के बाद पहला आवागमन , रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव रहे मौजूद। pic.twitter.com/z6koNRsRPQ
— Panchjanya (@epanchjanya) June 4, 2023
प्रधानमंत्री मोदी भी बालासोर का दौरा करने के बाद रेल मंत्री से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े अपडेट्स ले रहे थे। केंद्रीय मंत्रियों से लेकर अफसर भी लगातार मृतकों-घायलों की संख्या से लेकर घटनास्थल पर भी चौकसी बढ़ाए हुए हैं। इसी का नतीजा रहा कि बालासोर में जिस जगह हादसा हुआ, वहां रविवार देर रात ट्रैक की मरम्मत कर लाइन को फिर चालू करा दिया गया। जबकि पहले इस मेन लाइन के शुरू होने में बुधवार तक का समय लगने की बात कही गई थी। इस मौके पर खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव घटनास्थल पर मौजूद रहे। जिस वक्त पहली ट्रेन ट्रैक से गुजरी, उस वक्त वैष्णव ने उसके सामने हाथ जोड़ लिए।
रेल मंत्री ने ट्रैक चालू होने के बाद यहां से गुजरने वाली मालगाड़ी को हरी झंडी भी दिखाई और इसकी सुरक्षित यात्रा के लिए प्रार्थना भी की। उन्होंने बताया कि ट्रैक की मरम्मत का कार्य प्रधानमंत्री मोदी के आदेश के बाद ही शुरू हो गया था। पीएम ने इसे जल्द से जल्द पूरा करने की सलाह दी थी।
ओडिशा : हादसे वाली साइट पर 51 घंटे बाद गुजरी पहली ट्रेन, हाथ जोड़ कर प्रार्थना करते नजर आए रेल मंत्री
दुर्घटना के बाद से ही रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव मौके पर मौजूद हैं। फिलहाल अप-डाउन लाइन में ट्रेन सेवाएं शुरू हो गई हैं।https://t.co/9SoTVOlmdV
— Panchjanya (@epanchjanya) June 5, 2023
अश्विनी वैष्णव ने इसे लेकर खुद ट्वीट कर बताया, “क्षतिग्रस्त डाउन लाइन पूरी तरह ठीक हो गई है। खंड से पहली ट्रेन रवाना हुई।” बालासोर में बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास करीब सात बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस मुख्य लाइन के बजाय लूप लाइन में प्रवेश करने के बाद वहां खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस हादसे की चपेट में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस भी आ गई थी। इस दुर्घटना में कम से कम 275 लोगों की मौत हुई है।