New Delhi : लद्दाख में चीन से तनातनी के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन की फोन पर बातचीत हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन को जनमत संग्रह में बड़ी जीत हासिल करने पर बधाई दी। इसके कुछ देर बाद ही दोनों देशों के बीच एक बड़े रक्षा सौदे की जानकारी दी गई। इसमें रक्षा मंत्रालय ने रूस से 33 फाइटर जेट खरीदने का एलान किया है। इस पर 18 हजार 148 करोड़ खर्च होंगे।
भारत अपने दोस्त रूस से सुखोई-30 और मिग-29 विमान खरीदेगा। पीएम नरेंद्र मोदी से बातचीत में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा – भारत और रूस के बीच सामरिक सबंध और मजबूत होंगे। रूस से भारत जिन 33 लड़ाकू विमानों को खरीद रहा है, उसमें 21 मिग-21 एस और 12 सुखोई 30एमकेआईएस लड़ाकू विमान शामिल हैं। इसके अलावा 59 मौजूदा मिग-21 एस को अपग्रेड भी किया जायेगा। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को बताया – रूस के साथ हो रही इस डील की कुल कीमत 18,148 करोड़ रुपये है।
Defence Ministry approves proposal to acquire 33 new fighter aircraft from Russia including 12 Su-30MKIs and 21 MiG-29s along with upgradation of 59 existing MiG-29s. The total cost of these projects would be Rs 18,148 crores: Defence Ministry pic.twitter.com/nMvZvBn37Y
— ANI (@ANI) July 2, 2020
इसके अलावा रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना और नौसेना के लिए 248 एस्ट्रा बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर टू एयर मिसाइलों को खरीदने को भी मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि डीआरडीओ द्वारा एक नई 1,000 किलोमीटर की स्ट्राइक रेंज लैंड अटैक क्रूज मिसाइल के डिजाइन और अन्य जरूरतों की भी मंजूरी दी गई है।
रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 38,900 करोड़ रुपए के प्रस्तावों को मंजूरी दी, जिसमें से 31,130 करोड़ रुपये की खरीदारी भारतीय उद्योग से होगी। पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद पिछले महीने सेना ने लड़ाकू विमानों को हासिल करने के एक प्रस्ताव को सरकार के पास भेजा गया था।
भारतीय वायुसेना ने जिन 21 मिग 29 का अधिग्रहण करने की योजना बनाई है, वे रूस के हैं। रूस ने वायुसेना को नए लड़ाकू विमानों की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करने के लिए इन विमानों को बेचने की पेशकश की है। बता दें कि मिग -29 को वायुसेना द्वारा उड़ाया जाता है और पायलट इससे परिचित होते हैं, लेकिन रूस द्वारा दी जाने वाली ट्रेनिंग अलग है।
फ्रांस जल्द ही भारत को राफेल विमानों की डिलीवरी करने जा रहा है। भारतीय वायुसेना के ‘विशेष निवेदन’ के बाद फ्रांस इन विमानों को समय से पहले भारत भेजेगा। 27 जुलाई को छह राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप आएगी। पहले चार विमानों को पहली खेप में आना था। ऐसे में भारत की वायुसेना की ताकत पहले के मुकाबले काफी बढ़ जाएगी।