New Delhi : कानपुर देहात में आठ पुलिस कर्मियों की हत्याएं करने के आरोपी विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे उर्फ सोना व उनके बेटे को एसटीएफ ने लखनऊ में पकड़ लिया है। दोनों कृष्णा नगर के नारायण पुरी मोहल्ले में एक खाली प्लाट के पास से पकड़े गए हैं। इसके साथ ही विकास के नौकर को पुलिस ने दौड़ाकर पकड़ लिया है।
इधर विकास दुबे को पुलिस ने मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस से पूछताछ में दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के खुलासों से पता चल रहा है कि उसके मंसूबे बेहद खतरनाक थे। उसने पूछताछ में कहा- वह हत्या के बाद आठों पुलिस वालों के शव को जला देना चाहता था। इसके लिये पूरी तैयारी कर ली थी लेकिन ऐसा कर न सका।
उज्जैन पुलिस से पूछताछ में विकास दुबे ने बताया – बिकरू में पुलिस वालों की हत्या के बाद वह उनके शव को जला देना चाहता था। पुलिस वालों के शवों को पास के कुएं में रख दिया गया था। अब सिर्फ तेल डालकर आग लगाने का काम बाकी था। हालांकि मौका नहीं मिल पाया और वह फरार हो गया। वह ऐसा सबूतों को खत्म करने के लिए करना चाह रहा था।
विकास दुबे ने बताया – सीओ देवेंद्र मिश्रा को मैंने इसलिए मारा क्योंकि उससे मेरी बनती नहीं थी और वे कई बार मुझे धमकी भी दे चुके थे। विकास ने पूछताछ में यह भी बताया – शहीद देवेंद्र मिश्रा का पैर काटा गया था क्योंकि वह मेरे एक पैर में गड़बड़ी को लेकर टिप्पणी कर चुके थे।
2 जुलाई की रात कानपुर के बिकरू गांव पुलिस की टीम विकास दुबे को पकड़ने के लिए पहुंची थी। इस बात की सूचना उसे पहले ही मिल गई। जानकारी मिलने के बाद उसने जेसीबी से रास्ते को घेर दिया और आठ पुलिस वालों की हत्या कर दी। विकास दुबे ने पूछताछ में बताया – उसके मुखबिर सिर्फ चौबेपुर थाने में ही नहीं बल्कि आसपास के तमाम थानों में थे। मैंने लॉकडाउन के दौरान सभी पुलिसवालों की काफी मदद की थी।
बिकरू कांड के बाद यूपी पुलिस के साथ ही एसटीएफ विकास दुबे को पकड़ने के लिए लग गई थी। प्रशासन ने विकास दुबे को पकड़ने के लिए पुलिस की कम से कम 60 टीमें बनाई थी। 2 जुलाई की घटना के बाद से ही एक-एक कर के उसके कई साथी एनकाउंटर में मारे गए। प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए उसके घर और गाड़ियों को तबाह कर दिया।