New Delhi : विकास दुबे की कमाई के राज अभी दफन नहीं हुये हैं। वसूली से आने वाली कमाई को सफेद करने का ठेका केवल जय बाजपेयी के पास ही नहीं था। चार अन्य ‘मैनेजर’ भी थे, जो उसकी काली कमाई को सफेद करने का धंधा करते थे। बिकरू कांड से पहले इन चारों के पास विकास के 18 करोड़ थे, जो उसके जाने के बाद उनकी जेब में चले गये। ये खुलासा जय के अलावा रडार में लिये गये अन्य लोगों की पड़ताल में हुआ है।
Vikas Dubey’s aide Guddan Trivedi arrested by Mumbai ATS: Here are his pictures with SP’s Akhilesh Yadav and Mulayam Singh Yadavhttps://t.co/BirHMyIIxB
— OpIndia.com (@OpIndia_com) July 11, 2020
विकास शातिर दिमाग था लेकिन अपराध में। पैसे को कहां निवेश करना है, कैसे खपाना है और किस सेक्टर में खपाना है ताकि कमाई दिन दूनी रात चौगुनी हो, ये दिमाग जय के अलावा चार अन्य मैनेजर लगाते थे। विकास का रहन-सहन साधारण था लेकिन इन मैनेजरों की जिंदगी एशो-आराम की है। 18 करोड़ की इस रकम का आधा हिस्सा ब्याज पर बांट रखा था। इससे उन्हें 55 लाख रुपये महीने की कमाई होती थी। इसका आधा हिस्सा विकास के पास जाता था और शेष रकम से उनके मैनेजर मौज उड़ाते थे। आधी रकम व्यापारियों और उद्यमियों के कारोबार में खपाई थी। फैक्टरी उद्यमी के नाम होती थी और पैसा विकास का लगता था। यहां से भी हर महीने बंधी रकम विकास के पास इन्हीं मैनेजरों के जरिए पहुंचती थी।
विकास दुबे ने नोटबंदी के दौरान ज्यादातर कमाई दूसरों के जरिए सफेद कराई। 8 नवंबर 2016 से 31 दिसंबर 2016 के बीच उसने अपने बैंक खाते में दो बार में 3.5 लाख रुपए जमा कराए थे।
Vikas Dubey's earlier interview pic.twitter.com/gcYYtoCNs9
— Harsh Sanghavi (@sanghaviharsh) July 11, 2020
विकास दुबे और उसके फंड मैनेजर जय बाजपेयी की आर्थिक कुंडली खंगाल रही पुलिस और एटीएस दोनों के बैंक खातों की पड़ताल कर रही हैं। यह साफ होने के बाद कि विकास ने जय बाजपेयी की पत्नी श्वेता बाजपेयी के खातों में भी लाखों रुपए ट्रांसफर किए, अब नोटबंदी के दौरान जमा रकम का ब्योरा जांच एजेंसियां जुटा रही हैं। विकास ने शिवली स्थित पंजाब नेशनल बैंक के अपने खाते में 9 नवंबर को दो लाख रुपए जमा कराए। फिर एक बार डेढ़ लाख रुपए जमा किये।