New Delhi: अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने लद्दाख में चीन सीमा पर शहीद भारतीय सैनिकों के लिये शोक व्यक्त किया है। उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट किया- हम चीन के साथ हुये हालिया विवाद में भारतीय सैनिकों के शहीद होने पर संवेदनाएं जताते हैं। हम सैनिकों को हमेशा याद रखेंगे, जिनके परिवार, करीबी और प्रियजन शोक में डूबे हैं।
भारत में अमेरिका के राजदूत केन जस्टर ने भी शहीद सैनिकों के लिए शोक जताया। उन्होंने ट्वीट किया- हम गालवन में शहीद सैनिकों के परिवार के लिये दिल से संवेदनाएं जताते हैं। उनकी बहादुरी और साहस को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।
We extend our deepest condolences to the people of India for the lives lost as a result of the recent confrontation with China. We will remember the soldiers' families, loved ones, and communities as they grieve.
— Secretary Pompeo (@SecPompeo) June 19, 2020
इधर अमेरिकी सांसद मिच मैक्कॉनेल ने सदन में चर्चा के दौरान भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई घटना का जिक्र किया। उन्होंने कहा – ऐसा लगता है कि चीनी सेना ने ही सीमा हड़पने के लिये भारतीय सैनिकों को उकसाया होगा। इस वजह से ही दोनों देशों के बीच 1962 से अब तक की सबसे घटना हुई। दो एटमी ताकत देशों के बीच हुआ यह विवाद पूरी दुनिया के लिये चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि चीन की सेना कई देशों की सीमा में घुसने की कोशिश कर चुकी है।
इधर पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात हुई घटना के बाद चीन ने दस भारतीय सैनिकों को रिहा कर दिया है। भारत-चीन के बीच झड़प के बाद पैदा हुए तनाव को कम करने के लिये जारी मेजर जनरल स्तर की बातचीत के बाद सैनिक रिहा किये गये हैं। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक शख्स ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि जिन दस सैनिकों की रिहाई हुई है, उनमें कम से कम दो अधिकारी शामिल हैं। ये सभी गुरुवार शाम को भारतीय सीमा में वापस आ गये।
The U.S. Mission in India sends our heartfelt condolences to the families of the soldiers who were lost at Galwan. Their bravery and courage will not be forgotten. #USIndia https://t.co/gtGR4gSxoG
— Ken Juster (@USAmbIndia) June 19, 2020
हालांकि, सैनिकों की रिहाई पर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। भारतीय सेना और विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा था कि घटना के बाद कोई भी भारतीय सैनिक लापता नहीं है। गलवान घाटी में मंगलवार से लेकर गुरुवार तक के बीच में दोनों देशों के बीच मेजर जनरल स्तर की तीन राउंड की बातचीत के बाद दस सैनिको को चीन ने भारत को वापस भेजा है। कारू स्थित मुख्यालय 3 इन्फैंट्री डिवीजन के कमांडर मेजर जनरल अभिजीत बापट और उनके चीनी समकक्ष ने गुरुवार को तीसरी बार मुलाकात की थी।