चीनी कंपनियों पर US का शिकंजा : अमेरिका ने कहा- ZTE, हुआवे राष्ट्रीय खतरा, चीनी टेलिकॉम पर नकेल

New Delhi : चीनी कंपनियों पर अब भारत के अलावा दूसरे देशों से बैन की कार्रवाई की जा रही है। पहले भारत ने कई चीनी कंपनियों का कॉन्ट्रैक्ट कैंसल किया। उसके बाद 59 चाइनीज ऐप पर रोक लगाई गई है। अब अमेरिका ने चीन के खिलाफ कार्रवाई की शुरुआत की है। US फेडरल कम्युनिकेशन कमिशन ने मंगलवार को 5-0 से मतदान कर चीन की टेक कंपनी हुआवे और ZTE को राष्ट्रीय खतरा बताया है।

इसके साथ ही अमेरिकी कंपनियों को इक्विपमेंट खरीदने को लेकर मिलने वाले 8.3 अरब डॉलर के फंड को ट्रंप सरकार ने रोक दिया है। अमेरिकी टेलिकॉम रेग्युलेटर ने नवंबर में ही इस बाबत 5-0 से मतदान किया था।
US फेडरल कम्युनिकेश कमिशन (FCC)ने साफ-साफ कहा है कि टेलिकॉम कंपनियों को अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर से इन दोनों चाइनीज कंपनियों के इक्विपमेंट्स को हटाना होगा। FCC चेयरमैन अजित पई ने कहा कि हम चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी को अमेरिकी सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं करने देंगे।
FCC के आदेश को लेकर ZTE और हुआवे की तरफ से फिलहाल कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि जब नवंबर में उसके विरोध में वोटिंग हुई थी, तब उसने FCC की कार्रवाई की कड़ी निंदा की थी। FCC कमिश्नर Geoffrey Starks ने कहा कि चीन के इक्विपमेंट्स पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी कांग्रेस को इसे रिप्लेस करने के लिए फंड जारी करना चाहिए।

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