New Delhi : अमेरिकी कंपनियों ने योगी आदित्यनाथ की तारीफों के पुल बांध दिये। मंलवार को US-India stategic partnership forum से जुड़े़ उद्यमियों के साथ उत्तर प्रदेश सरकार ने वीडियो कान्फ्रेन्सिंग की। सभी ने आम सहमित से कहा कि उत्तर प्रदेश में COVID-19 को लेकर जो कार्रवाई चल रही है वो विश्वस्तरीय है। करीब 100 से अधिक कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में अपनी नई इकाइयों को स्थापित करने की इच्छा जताई है। अमेरिकी कंपनियों ने मेडिकल इक्यूपमेंट, डिजिटल पेमेंट तथा अन्य क्षेत्रों में निवेश करने में रुचि दिखाई है। राज्य सरकार ने भी जमीन के साथ साथ तमाम तरह के टैक्स बेनेफिट और बाकी सुविधाएं मुहैया कराने पर हामी भरी है।
USISPF organised webinar with over 100 #US firms. Many showed interest in moving their investment from China to UP in the areas of electronics, food processing, health etc.
General opinion that India can be the major manufacturing country in the world with UP being the backbone. pic.twitter.com/Vop30LBUsu
— Sidharth Nath Singh (@SidharthNSingh) April 28, 2020
मीटिंग में एडोब कंपनी के प्रतिनिधि रोहन मित्रा ने उत्तर प्रदेश में एडोब प्लांट की क्षमता बढ़ाने की बात कही। मास्टर कार्ड कम्पनी के प्रतिनिधि ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों की किराना दुकानों में डिजिटल पेमेंट की सुविधा उलपब्ध कराने की इच्छा जताई। दो अग्रिणी लाजिस्टिक कम्पनी यूपीएस और फ्रेडिक्स ने जेवर एयरपोर्ट पर लाजिस्टिक सेंटर बनाने में निवेश की इच्छा जताई। बोस्टन साइंटिक कम्पनी ने उत्तर प्रदेश में मेडिकल एक्यूपमेंट प्लांट लगाने के लिए निवेश की पेशकश की।
ये सभी अमेरिकी कंपनियां जो उत्तर प्रदेश में आने को इच्छुक हैं, वे अपना चीन का प्लांट बंद करेंगे और उत्तर प्रदेश में अपनी नई इकाई लगायेंगे। अमेरिकी सरकार की ओर से भी कंपनियों को चीन छोड़कर भारत में फैक्ट्रियां और प्लांट लगाने को कहा गया है। कोरोना आपदा पर नियंत्रण के बाद इस दिशा में तेजी से काम होगा। कोरोना की चीन में उत्पत्ति और चीन को लेकर वैश्विक गुस्सा भारत को फायदा पहुंचा रहे हैं। बाहर से आनेवाली कंपनियों में अमेरिका के अलावा यूरोप की कई कंपनियां भी शामिल हैं जो यहां प्लांट लगाने को इच्छुक है।
यूएस-इंडिया स्टेटिजिक पार्टनरशिप फोरम से जुड़े उद्यमियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग संवाद के दौरान मंगलवार को कई अमेरिकी कंपनियों ने मेडिकल इक्यूपमेंट, डिजिटल पेमेंट तथा अन्य क्षेत्रों में निवेश करने में रुचि दिखाई। इस मौके पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि कई कंपनियों ने इलेक्ट्रॉनिक्स, खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में अपने निवेश को चीन से यूपी लाने में रुचि दिखाई है।
राज्य के सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक कुमार टंडन तथा प्रमुख सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा. नवनीत सहगल ने इस संवाद के दौरान प्रदेश में निवेशकों को दी जा रही सुविधाओं से अमेरिकी उद्यमियों को अवगत कराया। संवाद में अमेरिकी की 100 से ज्यादा कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। यूपी निवेश के लिए बेहतर है, इससे संबंधित प्रजेंटेशन भी प्रस्तुत किया गया। लोक भवन में आयोजित वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह कहा कि राज्य में करीब 90 लाख एमएसएमई उद्योग हैं। कुशल कारीगर अच्छी तादाद में उपलब्ध हैं। राज्य की कानून व्यवस्था उद्योगों के अनुकूल है। उद्योगों की स्थापना के लिए पर्याप्त भूमि, जल संसाधन और बेहतर माहौल है।