New Delhi : अमेरिका ने संकेत दिया है कि भारत और चीन के बीच संघर्ष की स्थिति में उसकी सेना भारत के साथ होगी। अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मेडोस ने कहा- कहीं भी विवाद की स्थिति में हम मजबूती से खड़े रहेंगे। दक्षिणी चीन सागर में अपनी उपस्थिति और मजबूत करने के लिए ही अमेरिका ने वहां दो विमान वाहक पोत तैनात किये हैं।
"And the message is clear. Our military might stands strong and will continue to stand strong, whether it's in relationship to a conflict between India and China or anywhere else," White House Chief of Staff Mark Meadows told Fox News.
— Gopinath Sridhar (@gopitweet) July 7, 2020
हमारा संदेश बिल्कुल साफ है। ऐसा नहीं होगा कि सर्वाधिक शक्तिशाली सेना होने के बावजूद हम दूर खड़े होकर हालात को चीन या किसी के हाथ में जाने दें। चाहे वो जिस क्षेत्र में हो। इसलिए यह साफ होना चाहिये कि हमारी सेना सबसे ताकतवर है और रहेगी।
मेडोस ने कहा – अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में अपने दो विमान वाहक पोत भेजे है। उन्होंने कहा- हमारा मिशन यह सुनिश्चित करना है कि दुनिया यह जाने कि हमारे पास अब भी दुनिया का उत्कृष्ट बल है। चीन, दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में क्षेत्रीय विवादों में लिप्त है। चीन लगभग समूचे दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है। वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान के भी क्षेत्र को लेकर उसके दावे हैं।
Nimitz, Ronald Reagan Carrier Strike Groups continue dual carrier operations in South China Sea, demonstrate unmatched commitment to #FreeandOpenIndoPacific: https://t.co/yXboNmwhPA #USNavy @US7thFleet @INDOPACOM pic.twitter.com/ROE1PMvN7o
— U.S. Pacific Fleet (@USPacificFleet) July 6, 2020
वहीं भारत कूटनीतिक मोर्चे पर भी बदलाव लाने के मूड में नहीं है। दक्षिण चीन सागर, हॉन्गकॉन्ग, वन रोड वन बेल्ट परियोजना के प्रति विरोधी रुख जारी रहेगा। भारत कोरोना व अन्य मामलों में चीन को अलग-थलग करने में भूमिका निभाता रहेगा। भारत संदेश देना चाहता है कि वह तनाव पैदा करने की स्थिति में उसके लिए वैश्विक स्तर पर परेशानी पैदा करने के किसी विकल्प को जाने नहीं देगा।