New Delhi : आम धारणा है कि शादी के बाद लड़कियों के लिए अपने सपनों को साकार करना नामुमकिन-सा हो जाता है लेकिन हमारे सामने कई ऐसे उदाहरण भी मौजूद हैं जिसमें महिलाओं ने शादी के बाद अपने पति और परिवार के सहयोग से अपने हर सपनों को पूरा किया। ऐसा ही उदाहरण पद्मिनी नारायण ने पेश किया है, जिन्होंने 2019 की यूपीएससी परीक्षा में 152वीं रैंक हासिल की। आईएएस बनना कोई आम बात नहीं है लेकिन उनकी यह सफलता इसलिए भी खास है क्योंकि उनकी इस सफलता के पीछे उनकी मेहनत तो रही ही लेकिन उनके पति और ससुराल वालों का प्रेम इसमें अहम रहा। वो जब परीक्षा की तैयारी कर रही थीं तो उन्हें पता चला कि वो प्रेगनेंट हैं।
UPSC Rank 152 Padmini Narayan's strategy to crack CSE along with Job & Pregnancyhttps://t.co/7xHFQi6gRe@upsciq @UpscExpress @FormulaUPSC @UpscforAll
— Deepak Singh Journalist (@DeepakJournali3) August 13, 2020
इससे उन्हें कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का भी सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि जब वो पढ़ते पढ़ते थक जाती थीं तो उनके पति उन्हें किताब पढ़कर सुनाते थे। आईए जानते हैं नौकरी और प्रेगनेंसी के दौरान पद्मिनी ने यूपीएससी परीक्षा कैसे पास की। पद्मिनी दिल्ली की रहने वाली हैं यहीं उनकी शिक्षा पूरी हुई। परिवार में आर्थिक रूप से कभी परेशानी नहीं रही। लेकिन इसके बाद भी पद्मिनी ने 12वीं और अपनी आगे तक की पढ़ाई खुद के द्वारा ट्यूशन से कमाये पैसों से की। उनके परिवार के सभी बड़े सदस्य चाहते थे कि पद्मिनी सिविल सेवा में जाएं। धीरे धीरे पद्मिनी की भी रुचि इस ओर बढ़ती गई।
आईपी युनिवर्टी से ग्रेजुएशन में उन्होंने बीसीए किया यहां वो मेरिट लिस्ट में सबसे आगे रहीं। इसके बाद उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया। यहां से प्लेसमेंट होने के बाद उन्होंने नौकरी की। उन्होंने बैंक मैनेजर के रूप में भी काम किया। यहां से उन्होंने अब सरकारी सेवा क्षेत्र में जाने का मन बनाया। इससे पहले वो अपने सपने को पूरा कर पाती उनकी इस दौरान शादी हो गई। लेकिन शादी के बाद वो अकेली नहीं हुईं उन्हें अपने पति और ससुराल वालों का खूब साथ मिला। उनके पति और घर वालों ने उन्हें अपने करियर को दोबारा शुरू करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने नौकरी करते हुए यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। इस दौरान वो अपने ट्रेवल टाइम में और खाली समय में पढ़ा करती थीं।
सिलेबस कठिन और बड़ा होने के कारण उन्होंने जब पहली बार परीक्षा दी तो वो असफल रहीं। उन्हें लगा कि नौकरी करते हुए वो ये तैयारी नहीं कर पाएंगी। उन्होंने नौकरी छो़ड़ सिर्फ अपनी पढ़ाई पर फोकस किया किया। उन्होंने कोचिंग क्लास और लाईब्रेरी भी जॉइन की और पूरी मेहनत के साथ वो तैयारी में लग गईं। इसके बाद उनके सपनों के बीच एक बड़ी समस्या उनके सामने आई। उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता था फिर उन्हें पता चला कि वो प्रेगनेंट हैं। यहां एक बार फिर उनके पति ने भरोसा दिलाया कि तुम सिर्फ अपनी पढ़ाई पर फोकस करो।
इस दौरान उनकी सास और पूरे परिवार ने उनकी काफी मदद की। अपने पति के बारे में पद्मिनी बताती हैं कि जब वो पढ़ते पढ़ते थक जाती थीं तो उनके पति उन्हें किताब पढ़कर सुनाते थे। उन्होंने इस बार प्री के साथ ही इंटरव्यू तक की सभी परीक्षाएं पास की। 2020 में जब रिजल्ट आया तो उन्हें ऑलओवर 152वीं रेंक मिली।