New Delhi : किसान बिल को लेकर सरकार में दरार पड़ गई है। शिरोमणि अकाली दल ने साफ कर दिया है कि यह बिल किसान विरोधी हैं। सरकार में भले ही वे महत्वपूर्ण सहयोगी हों लेकिन वे इस बिल का समर्थन नहीं करते हैं। इसके विरोध में मोदी सरकार में शामिल केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। शिरोमणि अकाली दल के इस सख्त रुख से भारतीय जनता पार्टी और किसान बिल को गहरा आघात लगा है। शिरोमणी अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया गया है। कोशिश हो रही है कि इस्तीफा को जल्द से जल्द वापस करा लिया जाये।
I have resigned from Union Cabinet in protest against anti-farmer ordinances and legislation. Proud to stand with farmers as their daughter & sister.
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) September 17, 2020
Breaking: On farmer ordinances, Sukhbir Singh Badal of Shiromani Akali Dal claims that their party was not consulted and Harsimrat Kaur Badal had raised objections in cabinet. Shiromani Akali is part of NDA alliance. pic.twitter.com/OTk0RKYox5
— Arshdeep (@arsh_kaur7) September 15, 2020
इससे पहले शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने गुरुवार को ही लोकसभा में घोषणा की थी कि केंद्रीय मंत्री हरसिमरत अपना पद छोड़ेंगी। केंद्र सरकार ने किसानों के लिये तीन बिल प्रस्तावित किये थे। इसके बाद से ही विपक्षी पार्टियां इसका विरोध कर रही थीं। शिरोमणि अकाली दल सरकार के साथ गठबंधन में शामिल है। बावजूद इसके उनकी पार्टी की नेता ने सरकार के इस कदम का विरोध जताते हुये अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
हरसिमरत कौर ने ट्वीट कर कहा- मैंने किसान विरोधी अध्यादेशों और कानून के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। किसानों के साथ उनकी बेटी और बहन के रूप में खड़े होने का गर्व है। इससे पहले कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 पर चर्चा में भाग लेते हुये सुखबीर बादल ने कहा – शिरोमणि अकाली दल किसानों की पार्टी है और वह कृषि संबंधी इन विधेयकों का विरोध करती है।
निरंकुश से निरंकुश शासक भी अपने जन्मदिन पर तो उदार हृदय व्यवहार करता है।
मोदी जी शायद दुनिया के व हिंदुस्तान के 73 साल के इतिहास में पहले ऐसे शासक हैं जिन्होंने अपने 70वे जन्मदिन पर हिंदुस्तान के किसान व खेत मज़दूर की आजीविका छीन ली! pic.twitter.com/y8YXPSm57t
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 17, 2020
उन्होंने कहा – किसानों को लेकर जो भी बिल सदन में प्रस्तावित किये गये हैं, वह 50 साल की उस पूरी मेहनत को खत्म कर देंगे जो पंजाब सरकार ने कृषि सेक्टर को मजबूत करने में लगाये हैं। हम राजग के साथी हैं। हमने सरकार को किसानों की भावना बता दी। हमने इस विषय को हर मंच पर उठाया। हमने प्रयास किया कि किसानों की आशंकाएं दूर हों लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
इधर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा – निरंकुश से निरंकुश शासक भी अपने जन्मदिन पर तो उदार हृदय व्यवहार करता है। मोदी जी शायद दुनिया के व हिंदुस्तान के 73 साल के इतिहास में पहले ऐसे शासक हैं जिन्होंने अपने 70वे जन्मदिन पर हिंदुस्तान के किसान व खेत मज़दूर की आजीविका छीन ली!