New Delhi : केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह ने भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हुई घटना के बारे में सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने कहा – चीन ने ही भारत के सैनिक नहीं लौटाये, बल्कि भारत ने भी चीन के सैनिक लौटाये हैं। न्यूज24 के साथ इंटरव्यू में कहा – कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने कुछ भारतीय सैनिकों को पकड़ा था और उन्हें लौटाया है। इसी तरह हमने भी चीन के कुछ सैनिकों को पकड़ा था और फिर उन्हें छोड़ दिया गया।
#Galwan | “If we lost 20 soldiers, more than double the number were killed on their [Chinese] side,” Gen. Singh said. “China hides numbers. In the 1962 war too, it did not accept the casualties”.https://t.co/8dlLRk6px5
— The Hindu (@the_hindu) June 20, 2020
उन्होंने कहा – इस टकराव में चीन के दोगुने सैनिकों की जान गई है। गलवान घाटी का जो इलाका भारत के पास था, वो अब भी हमारे पास है। झगड़े की जड़ पेट्रोल पॉइंट 14 है जो अब भी भारत के नियंत्रण में है। गलवान घाटी का एक हिस्सा उनके पास है और एक हिस्सा अब भी हमारे पास है। चीन 1962 से वहां बैठा है लेकिन हम भी वहां से नहीं हिले हैं। हम अपनी तरफ थे और वे अपनी तरफ। फिर कोई हमारी तरफ से उधर गया और कोई वहां से इधर आया। हमें यह सब जानकारी साझा करने की जरूरत नहीं है क्योंकि हर किसी को यह जानने की जरूरत नहीं है।
चीनी सेना ने गलवान घाटी की ऊंचाई वाले इलाके में एक संकरे पहाड़ी रास्ते पर निगरानी चौकी स्थापित कर ली थी। चीनी सैनिकों ने ऐसा तब किया जब मिलिट्री कमांडर लेवल की मीटिंग में दोनों पक्षों के पीछे हटने पर सहमति बनी थी।
From Col (Retd) Ajai Shukla to Lt General (Retd) HS Panag, the Congress has lapped up assorted discordant voices from the Army post their retirement. But they hardly listen to Former Army Chiefs like JJ Singh and VK Singh.
Don’t miss the million dollar definition of an ‘expert’! pic.twitter.com/VG1tXsn8zw— Amit Malviya (@amitmalviya) June 20, 2020
पूर्वी लद्दाख में एलएसी के करीब स्थित गलवान घाटी क्षेत्र सामरिक दृष्टि से बेहद अहम है। इस इलाके में एलएसी पर कोई विवाद नहीं रहा है, लेकिन चीन अब पूरी गलवान घाटी पर अपना दावा जता रहा है। चीन को आशंका है कि इस इलाके में भारत की मजबूत स्थिति से उसकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। गलवान सेक्टर बेहद संवेदनशील है, क्योंकि एलएसी के नजदीक डीएस-डीबीओ रोड से जुड़ता है।