New Delhi : केंद्र और राज्य सरकार भले लोगों से कितनी भी अपील कर रहे हों लेकिन एक भी मकान मालिक किराया छोड़ने के लिये तैयार नहीं है। जो बहुत दयावान हैं वो बस किराया को किस्तों में देने की बात कर रहे हैं या फिर एक महीने बाद दो महीने की एकसाथ किराया देने को कह रहे हैं। अब ऐसे मकान मालिकों के लिये भी ये तीसरा महीना है और सब्र टूट रहा है। मकान मालिकों का भी तर्क है कि हमारे कमाई के साधन भी सीमित हैं। हम कहां फरियाद करें? मगर इन परिस्थितियों में कुछ मकान मालिक तो हाईट ही कर दे रहे हैं।
Karnataka: Rahul Rai, who owns a hair cutting training salon in Bengaluru has sheltered IT professionals & migrant workers from northeastern states & Nepal in his salon. He says,"due to lockdown they were jobless & thrown out by their landlords. So, I gave them shelter." pic.twitter.com/5JsuWDBWo2
— ANI (@ANI) May 19, 2020
कर्नाटक के बेंगलुरू में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। एक मकान मालिक ने नार्थ इस्ट के अपने किरायेदारों को घर से निकाल दिया क्योंकि वह जॉबलेस हो गये थे और किराया नहीं दे रहे थे। इनमें से अधिकांश आईटी प्रोफेशनल हैं। इसमें अधिकांश नार्थ इस्ट के हैं और एक-दो नेपाल के हैं। मकान मालिक ने जब इन्हें बेघर किया तो एक सैलून चलाने वाले अर्जुन राय इन लोगों के पालनहार बन गये। अर्जुन ने सबको फिलहाल तो अपने सैलून में रहने की जगह दी है। अब इन परिस्थितियों में सब अपने घर लौटना चाहते हैं। उम्मीद है कि सबको कोई न कोई सहारा देकर उनके घर तक पहुंचायेगे।
इधर श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में प्रवासी मजदूरों की यात्रा को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच विवाद के बाद रेल मंत्रालय ने अपने पूर्ववर्ती आदेश में संशोधन करते हुए मंगलवार को कहा कि प्रवासी मजदूरों को लेकर जा रही श्रमिक ट्रेनों को गंतव्य स्थल वाले राज्य से इजाजत की जरूरत नहीं है। इससे पहले के आदेश में ट्रेनों को चलाने के लिए दोनों ही राज्यों की मंजूरी आवश्यक थी। गृह मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को जारी नई गाइडलाइंस के बाद रेलवे की तरफ से यह कदम उठाया गया है। इधर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बताया – भारतीय रेल 1 जून से टाइम टेबल के अनुसार प्रतिदिन 200 नॉन एसी ट्रेन चलायेगा जिसकी ऑनलाइन बुकिंग शीघ्र ही शुरु होगी।
राज्य सरकारों से आग्रह है कि श्रमिकों की सहायता करे तथा उन्हें नजदीकी मेनलाइन स्टेशन के पास रजिस्टर कर,लिस्ट रेलवे को दे,जिससे रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाये। श्रमिकों से आग्रह है कि वो अपने स्थान पर रहें, बहुत जल्द भारतीय रेल उन्हें गंतव्य तक पहुंचा देगा:पीयूष गोयल(फाइल तस्वीर) pic.twitter.com/URe7m1w8ZW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 19, 2020
पीयूष गोयल ने कहा- राज्यों से अपील है कि सड़क पर जाते हुए किसी भी श्रमिक को तुरंत नज़दीकी मेन लाइन स्टेशन पर लायें, और उन्हें रजिस्टर करके लिस्ट रेलवे को दें, ताकि उन्हें घर पहुँचाया जा सके। अगले 2 दिन में हम रोज 400 श्रमिक ट्रेन चलायेंगे। सबको उनके घर तक भेजेंगे।
रेल मंत्री ने कहा – राज्य सरकारों से आग्रह है कि श्रमिकों की सहायता करें तथा उन्हें नजदीकी मेनलाइन स्टेशन के पास रजिस्टर कर, लिस्ट रेलवे को दे, जिससे रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाये। श्रमिकों से आग्रह है कि वो अपने स्थान पर रहें, बहुत जल्द भारतीय रेल उन्हें गंतव्य तक पहुंचा देगा। श्रमिकों के लिये बड़ी राहत, आज के दिन लगभग 200 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चल सकेंगी, और आगे चलकर ये संख्या बड़े पैमाने पर बढ़ पायेगी।
केंद्र सरकार ने प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाने के लिए इन ट्रेनों को चलाने के लिये रेलवे के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की जिसमें कहा गया कि गृह मंत्रालय से चर्चा के बाद रेल मंत्रालय श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए मंजूरी देगा।
इसके अतिरिक्त भारतीय रेल 1 जून से टाइम टेबल के अनुसार प्रतिदिन 200 नॉन एसी ट्रेन चलायेगा जिसकी ऑनलाइन बुकिंग शीघ्र ही शुरु होगी: रेल मंत्री पीयूष गोयल https://t.co/5njm5T6utD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 19, 2020
एसओपी जारी होने के बाद रेलवे के प्रवक्ता राजेश दत्त बाजपेई ने कहा- श्रमिक विशेष ट्रेनों को चलाने के लिए उन राज्यों की सहमति की आवश्यकता नहीं है जहां यात्रा समाप्त होनी है। रेल मंत्रालय ने दो मई को जारी दिशा-निर्देशों में कहा था कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए रवानगी स्थल वाले राज्य को गंतव्य राज्य से अनुमति लेनी होगी और इसकी एक प्रति ट्रेन के प्रस्थान करने से पहले रेलवे को भेजनी होगी।
नयी एसओपी के बाद अब गंतव्य राज्य से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी। केंद्र ने कहा था कि पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान और छत्तीसगढ़ राज्य इन ट्रेनों के लिए मंजूरी नहीं दे रहे हैं जिससे लाखों प्रवासी मजदूर अपने घरों की ओर पैदल जाने को मजबूर हैं। हालांकि, राज्यों ने इन आरोपों को खारिज किया है। श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए अब सिर्फ रवानगी स्थल वाले राज्यों से ही मंजूरी की आवश्यकता होगी जिससे प्रवासी मजदूरों को ट्रेन से यात्रा करने में आसानी होगी। अधिकारियों ने कहा कि रेलवे को अगले सप्ताह में ऐसी 300 ट्रेन रोज चलाए जाने और शेष प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाए जाने की उम्मीद है।
With in the next 2 days Indian Railways will double the number of Shramik Special Trains to 400 per day. All migrants are requested to stay where they are, Indian Railways will get them back home over the next few days.
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 19, 2020
एक मई से रेलवे ने 1,565 प्रवासी श्रमिक ट्रेनों का परिचालन किया है और 20 लाख से अधिक प्रवासियों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाया है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा कि उत्तर प्रदेश ने जहां 837 ट्रेनों को मंजूरी दी है, वहीं बिहार ने 428 और मध्य प्रदेश ने 100 से अधिक ट्रेनों को मंजूरी प्रदान की है।
सोमवार शाम तक छत्तीसगढ़ ने केवल 19, राजस्थान ने 33 और झारखंड ने केवल 72 ट्रेन चलाने की अनुमति दी थी। अधिकारियों के अनुसार, रेलवे के पास लगभग 300 ट्रेन रोजाना चलाने की क्षमता है, लेकिन वह इसकी आधी संख्या में ही ट्रेनों का परिचालन कर पा रहा है क्योंकि गंतव्य राज्य पर्याप्त संख्या में अनुमति नहीं भेज रहे। उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात, महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्य प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने को तैयार हैं, लेकिन कई गंतव्य राज्य मंजूरी नहीं दे रहे। अब यह समस्या समाप्त होगी।