U फॉर Ugly, इसका मतलब काला- पश्चिम बंगाल में प्राइमरी की किताब में पढ़ाया जा रहा नस्लभेद

New Delhi : पश्चिम बंगाल में प्राइमरी की एक किताब में नस्लभेद की शिक्षा दिये जाने पर बवाल मच गया है। पश्चिम बंगाल के बर्द्धमान जिले में एक प्राइमरी स्कूल के टेक्स्ट बुक में नस्लभेदी उदाहरण दिया गया है। इसके बाद अभिभावकों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। बर्दमान के गर्ल्स स्कूल में प्री-प्राइमरी लेवल की किताब में अश्वेत को कुरुप बताया गया है।
नस्लभेद को लेकर अमेरिका से उठी आवाज अब भारत के पश्चिम बंगाल में पहुंच गई है। प्राइमरी स्कूल की किताब में अश्वेत लोगों को Ugly बताये जाने पर विवाद शुरू हो गया है। इसमें अल्फाबेट के चैप्टर में U की पहचान के लिए एक तस्वीर बनाई गई है। जिसमें एक अश्वेत व्यक्ति को दिखाया गया है। इसके साथ लिखा गया है U फॉर (Ugly) यानी कुरुप। अभिभावकों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।

अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका समेत कई देशों में नस्लभेद के खिलाफ जमकर प्रदर्शन हो रहा है। नस्लभेद को लेकर अमेरिका से उठी आवाज अब भारत के पश्चिम बंगाल में पहुंच गई है। प्राइमरी स्कूल की किताब में अश्वेत लोगों को Ugly बताए जाने पर विवाद शुरू हो गया है। इस शब्द के साथ एक अश्वेत शख्स की तस्वीर लगाई है। अभिभावकों का कहना है कि बच्चों के अल्फाबेट और वर्ड्स की बुक में U अक्षर की व्याख्या Ugly शब्द से की गई और एक अश्वेत इंसान की तस्वीर लगाई गई, जो कि गलत है।
U से Ugly का यह विवाद पश्चिम बंगाल के पूर्वी बर्द्धमान जिले से शुरू हुआ है। जिले के एक सरकारी सहायता प्राप्त म्युनिसिपल गर्ल्स हाई स्कूल में इस किताब के जरिए प्री-प्राइमरी क्लास के बच्चों को अंग्रेजी अल्फाबेट और शब्दों की पढ़ाई कराई जा रही है। विरोध कर रहे अभिभावकों ने कहा कि मेरी बेटी म्युनिसिपल गर्ल्स हाई स्कूल में पढ़ती है। यह गलत है कि उसे अश्वेत इंसानों को ugly पढ़ाया जा रहा है। इस किताब को वापस लिया जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो बच्चों के मन में अश्वेत इंसानों के प्रति हीन भावना आएगी।
इस मामले में स्कूल प्राइमरी एजुकेशन के डिस्ट्रिक्ट इंस्पेक्टर ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस तरह की शिक्षा देना गलत है। यह सरकार की ओर से जारी की गई किताब नहीं है। मैं स्कूल से बात करूंगा और जरूरत पड़ेगी तो किताब को बदला जाएगा। उन्होंने कहा कि अश्वेतों को बदसूरत कहना बच्चों को गलत शिक्षा देना है।
इस मुद्दे पर प्राइमरी शिक्षा देख रहे जिला इंस्पेक्टर ने कहा कि ऐसी शिक्षा बच्चों को नहीं दी जानी चाहिए और यह गलत है। उन्होंने कहा कि ऐसी किताब स्कूल की ओर से दी जाने वाली आधिकारिक किताब नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी इस बारे में स्कूल प्रिंसिपल से बात किया जाएगा और जरूरत पड़ी तो किताब को बदलवाया जाएगा।
बता दें कि अमेरिका में नस्लभेद (Racism) के खिलाफ इन दिनों एक बड़ा आंदोलन चल रहा है. यह आंदोलन एक अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद चल रहा है। इस आंदोलन ने दुनियाभर में अपनी छाप छोड़ी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *