New Delhi : नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाईकमिशन के दो अधिकारियों को जासूसी करते रंगे हांथों पकड़ा गया है। इनका नाम आबिद हुसैन और ताहिर हुसैन है। दोनों को एक भारतीय से संवेदनशील दस्तावेज हासिल करते हुए पकड़ा गया। न्यूज एजेंसी ने यह जानकारी सूत्रों के हवाले से दी है। दोनों अफसर दूतावास में वीजा असिस्टेंट के तौर पर काम करते हैं। भारत इनके खिलाफ डिप्लोमैटिक प्रोटोकॉल के तहत पर्सोना नॉन ग्राटा एक्शन लेगा।
सामान्य तौर पर पर्सोना नॉन ग्राटा का अर्थ होता है कि ऐसा व्यक्ति जो किसी राजनयिक मिशन पर है और संबंधित देश (जिसमें वो तैनात है) में उसकी गतिविधियां गलत पाई गई हैं। भारत अब इन दोनों को पाकिस्तान वापस भेजेगा। दोनों को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया। इनके नाम आबिद हुसैन और ताहिर खान हैं। दोनों ही आईएसआई के लिये काम करते थे। दोनों घूमने के लिए जाली पहचान पत्रों का इस्तेमाल भी करते थे।
2 officials of High Commission of Pakistan in New Delhi, Abid Hussain and Muhammad Tahir were caught red-handed by police while obtaining documents of Indian security establishment from an Indian and handing him over money and an iPhone: Sources https://t.co/WRBBUHSmdS
— ANI (@ANI) May 31, 2020
42 वर्षीय आबिद हुसैन पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित शेखपुरा जिला जबकि 44 वर्षीय मोहम्मद ताहिर इस्लामाबाद का रहने वाला है। दोनों दिल्ली की सड़कों पर खुलेआम घूमते थे और जासूसी करते थे, लेकिन फर्जी आईडी बनाकर खुद को भारतीय बताते थे। विदेश मंत्रालय ने बताया कि अब दोनों को 24 घंटे के अंदर भारत छोड़ना होगा।
दोनों पाकिस्तानी अधिकारियों की भारत विरोधी गतिविधियों पर पाकिस्तानी उच्चायोग में कड़ी आपत्ति दर्ज करवाई गई है। उच्चायोग को दो टूक कहा गया है कि भारत में रहकर भारत की सुरक्षा के खिलाफ इस तरह की हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। पाकिस्तानी उच्चायोग के प्रभारी (चार्ज डी अफेयर्स) से सुनिश्चित करने को कहा गया है कि उसके डिप्लोमेटिक मिशन का कोई सदस्य भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त नहीं हो या ऐसा काम नहीं करे जो किसी राजनयिक की शाख के खिलाफ हो।
पिछली बार इस तरह की घटना 2016 में हुई थी। तब भारत में पाकिस्तानी हाई कमिशन में काम करने वाले महमूद अख्तर को अवैध तरीके से संवेदनशील दस्तावेज हासिल करने के आरोप में पकड़ा था। सरकार ने उनके खिलाफ भी पर्सन नॉन-ग्रेटा (अवांछित व्यक्ति) जारी करते हुए वापस पाकिस्तान भेज दिया था। उन्होंने भारतीय अधिकारियों को पूछताछ के दौरान बताया था कि वे पाकिस्तान आर्मी के बलूच रेजिमेंट में काम करते हैं और बाद में उन्होंने ISI (इंटर सर्विस इंटेलिजेंस) जॉइन किया जो पाकिस्तान की इंटेलिजेंस सर्विस एजेंसी है। वे भारत में 2013 में आये थे।