New Delhi : भारत संग सीमा विवाद के बाद जारी किये गये मैप का विरोध करने पर नेपाल की जनता समाजवादी पार्टी ने सांसद सरिता गिरी को पार्टी से निष्कासित करने का फैसला लिया है। सरिता शुरू से ही भारत संग नक्शे विवाद पर नेपाल की ओली सरकार का विरोध करती रही हैं।
सरिता ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुये संसद में नक्शे को पारित करने के प्रस्ताव का विरोध किया था और एक दूसरा प्रस्ताव पेश कर दिया था। इसके साथ ही पार्टी ने उन्हें पार्टी के सदस्य के पद से भी हटा दिया है। पार्टी के नेता मोहम्मद इश्तियाक राय ने यह जानकारी दी है। भारत के साथ हुए सीमा विवाद के बाद बातचीत से पहले ही नेपाल ने नया नक्शा जारी किया था।
Nepalese lawmaker sacked for defying her party's decision to endorse country's new map https://t.co/2wzf2IJzFn
— TOI World News (@TOIWorld) July 7, 2020
सरिता गिरी ने खुलेआम संविधान संशोधन का भी विरोध किया था। पार्टी ने उन पर कार्रवाई करते हुये पार्टी की सदस्यता से भी हटा दिया है। नेपाल के राजनीतिक और प्रशासनिक नक्शे में संवैधानिक संशोधन के लिये सदन में प्रस्ताव दिया गया था जिसे 18 जून को पारित कर दिया गया था। सरिता की पार्टी नये नक्शे के समर्थन में थी जबकि गिरि ने अलग से प्रस्ताव दिया था कि पुराने नक्शे को ही मान्य रखा जाये। उनका मानना था कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी नेपाल का हिस्सा हैं।
आलोचनाओं के बीच JSP ने तीन सदस्यों की टास्क फोर्स बनाकर गिरि के इस कदम की जांच का फैसला किया। इस पैनल ने अपनी रिपोर्ट में उन्हें सदन की सदस्यता और पार्टी से हटाने की सिफारिश की। जब गिरि ने सदन में अलग से प्रस्ताव दिया था, तब भी पार्टी ने कहा था- सरिता गिरी अपना संशोधन वापस लें नहीं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। अगर सरिता संशोधन प्रस्ताव को वापस नहीं लेंगी तो वह न केवल अपना सांसद का दर्जा खो देंगी, बल्कि वह पार्टी की सदस्य भी नहीं रहेंगी।
भारत और नेपाल में सीमा विवाद के कारण दोनों देशों के बीच तनातनी का माहौल है। 8 मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिपुलेख से धाराचूला तक नई सड़क का उद्घाटन किया था। नेपाल ने विरोध करते हुये लिपलेख को नेपाल का हिस्सा बताया था। 18 मई को नेपाल ने एक नया मैप जारी किया था। जिसमें भारत के लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी इलाकों पर अपना दावा किया था।