ट्रेंड हुये श्रीराम- भगवान ने श्रीराम मंदिर के लिये आशीर्वाद भेजा है, अब बंद करो कॉन्सपिरेसी थ्योरी

New Delhi : श्रीराम जन्मभूमि के समतलीकरण, निर्माण प्रक्रिया में नक्काशीदार शिवलिंग, खंडित मूर्तियां, मंदिर के पीलर समेत मंदिर के कई अवशेष मिलने की खबर के बाद ट्विटर पर श्रीराम मंदिर ट्रेंड कर रहा है। लोग अलग-अलग तरह की टिप्पणी कर रहे हैं लेकिन सारे ट्वीट का लब्बोलुआब यह है कि अब श्रीराम मंदिर के यहां न होने को लेकर जो कान्सपिरेसी थ्योरी बनाई जा रही थी, उस पर विराम लगना चाहिये। अब यह सौ फीसदी साबित हो गया कि वहीं श्रीराम जन्मभूमि है, पहले वहां मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद बना दिया गया था।

पश्चिम बंगाल के बैरकपुर के सांसद अर्जुन सिंह ने ट्वीट किया है – भगवान ने श्रीराम मंदिर के लिये अपना आशीर्वाद भेजा है। श्रमदान स्थल से प्राप्त शिवलिंग, स्तंभ, नक्काशीदार पत्थर आदि प्रमाण है कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर यहीं था। अब हमेशा के लिये कान्सपिरेसी थ्योरी बंद होना चाहिये। भाजपा के प्रत्यूष कांत ने कहा – हर हिंदू यही मानता था कि मंदिर यहीं था। खुदाई में भगवान शिव की मूर्तियां मिली हैं। वे षड्यंत्रकारी इतिहासकार कहां हैं जिन्होंने राममंदिर के अस्तित्व को चुनौती दी?

बता दें श्रीराम जन्मभूमि परिसर में भव्य मंदिर निर्माण के लिए समतलीकरण का कार्य चल रहा है। इसी क्रम में बुधवार को की जा रही खुदाई में मंदिर के अवशेष प्राप्त हुये हैं। रामजन्मभूमि परिसर के पुराने गर्भगृह स्थल के समतलीकरण का कार्य श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की देखरेख में 11 मई से चल रहा है। समतलीकरण के कार्य में अब तक खुदाई के दौरान मंदिर के अवशेष सहित विभिन्न कलाकृतियां, आमलक व विभिन्न प्रकार के पत्थर मिले हैं।

परिसर में राममंदिर निर्माण के कार्यों को धीरे-धीरे गति दिया जा रहा है। हालांकि कोरोना संकट के कारण घोषित लॉकडाउन के चलते राममंदिर का निर्माण कार्य प्रभावित रहा। निर्माण की गति मंद लेकिन धीरे-धीरे अब तेजी आ रही है। अयोध्या में भावी मंदिर के निर्माण के लिए भूमि के समतलीकरण एवं पुराने गैंग-वे को हटाने का काम जारी है। कोरोना महामारी के संबंध में समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन करते हुए मशीनों का उपयोग एवं सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन, मास्क समेत अन्य सभी सुरक्षा उपायों का प्रयोग किया जा रहा है।

इस कार्य में तीन जेसीबी, एक क्रेन, दो ट्रैक्टर व दस मजदूर लगे हैं। जेसीबी के जरिए गर्भगृह के चारों तरफ के मलबे को हटाया जा रहा है। इसी प्रकार दर्शन मार्ग पर दर्शनार्थियों के लिए बनाये गये गैंग-वे की बैरीकेडिंग को हटाने का भी काम जारी है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा – चरणबद्ध तरीके से काम को अंजाम दिया जा रहा है। ट्रस्ट की अगली बैठक व भूमि पूजन का निर्णय देश की परिस्थिति पर निर्भर करता है।

11 मई से प्रारंभ समतलीकरण कार्य में विभिन्न प्रकार के पुरातात्विक अवशेष प्राप्त हो रहे हैं। खुदाई के दौरान अब तक देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां, पुष्प, कलश, आमलक, दोरजांब, विभिन्न प्रकार की कलाकृतियां, मेहराब के पत्थर, 7 ब्लैक टच स्टोन के स्तंभ, 8 रेड सैंड स्टोन के स्तंभ, 5 फीट आकार की नक्काशी युक्त शिवलिंग की आकृति आदि पुरातात्विक वस्तुएं प्राप्त हुईं हैं। इन पुरातात्विक वस्तुओं को ट्रस्ट द्वारा संरक्षित किये जाने की भी योजना बन रही है।

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