उमा भारती MP मंत्रिमंडल से नाराज, कहा- जातीय समीकरण दरकिनार, यह तो मेरा भी अपमान है

New Delhi : भारतीय जनता पार्टी की उपाध्यक्ष एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल के विस्तार में जातीय असंतुलन को लेकर नाराज है। उन्होंने पार्टी नेतृत्व के समक्ष ‘सैद्धांतिक असहमति’ जताई है। उमा आज लखनऊ में अयोध्या के श्रीरामजन्मभूमि मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत में पेश हुईं।

न्यूज एजेंसी वार्ता ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि उमा भारती ने भाजपा नेतृत्व को भेजे संदेश में कहा है- मुझे मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल की जो जानकारियां मिल रहीं हैं, जिनके अनुसार प्रस्तावित मंत्रिमंडल में जातीय समीकरण बिगड़ा हुआ है, जिसका मुझे दुख है। मंत्रिमंडल के गठन में मेरे सुझावों की पूर्णत: अनदेखी करना उन सबका अपमान है जिनसे मै जुड़ी हुई हूँ इसलिये जैसे कि मैंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बात की है उसके अनुसार सूची में संशोधन कीजिये। इस बारे में जब उमा भारती से लखनऊ में संपर्क किया गया तो उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने ना तो इसका खंडन किया और ना पुष्टि।
इधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल का पहला विस्तार गुरुवार को हो गया। गोपाल भार्गव, विजय शाह, जगदीश देवड़ा, बिसाहूलाल सिंह, यशोधरा राजे सिंधिया, भूपेंद्र सिंह, एंदल सिंह कंसाना और बृजेंद्र प्रताप सिंह कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। विश्वास सारंग, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रेम सिंह पटेल, ओम प्रकाश सकलेचा, उषा ठाकुर, अरविंद सिंह भदौरिया, डॉ. मोहन यादव, हरदीप सिंह डंग और राज्यवर्धन सिंह ने भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली।
इसके बाद भारत सिंह कुशवाह, इंदर सिंह परमार, रामखिलावन पटेल, रामकिशोर कांवरे, बृजेंद्र सिंह यादव, गिर्राज दंडोदिया, सुरेश धाकड़ और ओपीएस भदौरिया ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली। कार्यक्रम से पहले शिवराज ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को 20 कैबिनेट और 8 राज्यमंत्रियों की लिस्ट सौंपी। पुराने चेहरों में पारस जैन, गौरीशंकर बिसेन, रामपाल सिंह, राजेंद्र शुक्ला, संजय पाठक, जालम सिंह पटेल और सुरेंद्र पटवा को लेकर सहमति नहीं बनी।

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