रेलवे चेयरमैन बोले- अप्रैल 2023 से चलेंगी प्राइवेट ट्रेनें, इसमें हमारा कोई घाटा नहीं, फायदा ज्यादा

New Delhi : अप्रैल 2023 तक रेलवे की पटरी पर प्राइवेट ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। इन ट्रेनों का संचालन 109 मार्गों पर किया जायेगा। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने गुरुवार को कहा – प्राइवेट ट्रेन के किराये का निर्धारण निजी कंपनियों के प्रतिस्पर्द्धा को देखते हुये तय किया जायेगा। परिवहन के अन्य माध्यमों जैसे एयरफेयर और एसी बसों के किराये को देखते हुये रेल किराये तय किये जायेंगे। हमें यह ध्यान रखना चाहिये कि यह प्रतिस्पर्धा का युग है।

रेलवे चेयरमैन ने कहा- आईआरसीटीसी ने कुछ निजी ट्रेनें भी चलाई है। मुझे नहीं लगता है कि ऑपरेटरों की ओर से निर्धारित किराया ज्यादा हाई होगा। इसके अलावा प्राइवेट ट्रेनों के गार्ड्स और ड्राइवर भी रेलवे के ही होंगे। रेलवे के यात्री सेगमेंट की बात करें तो वो घाटे में चल रहा है। यादव ने कहा – बोलियों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि रेलवे लागत वसूल सकेगा यानी कम से कम गारंटी लागत जो कि निजी ट्रेन ऑपरेटरों को हमें चुकानी पड़ेगी। फिलहाल हम यात्री सेगमेंट ऑपरेशन में नुकसान उठा रहे हैं। इस विशेष परियोजना में, जो हमने तैयार किया है कि वह यह कि इसमें रेलवे को कुछ भी नुकसान नहीं होने वाला है। ऐसे में यह रेलवे को खर्च को पूरा करने में सक्षम होगा और रेलवे को राजस्व भी मिलेगा।
रेलवे के नेटवर्क पर यात्री ट्रेनों को चलाने के लिये निजी निवेश के लिये यह पहला कदम है। वैसे पिछले साल भारतीय रेलवे खान-पान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने लखनऊ-दिल्ली तेजस एक्सप्रेस के साथ इसकी शुरुआत हुई थी।
फिलहाल आईआरसीटीसी तीन ट्रेनों- वाराणसी-इंदौर मार्ग पर काशी-महाकाल एक्सप्रेस, लखनऊ-नयी दिल्ली तेजस और अहमदाबाद-मुंबई तेजस का परिचालन करता है। रेलवे ने कहा, ‘इस पहल का मकसद आधुनिक प्रौद्योगिकी वाली ट्रेन का परिचालन है जिसमें रखरखाव कम हो और यात्रा समय में कमी आए। इससे रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा, सुरक्षा बेहतर होगी और यात्रियों को वैश्विक स्तर का यात्रा अनुभव मिलेगा।

ट्रेन की शुरुआत और गंतव्य के 109 मार्गों को भारतीय रेलवे नेटवर्क के 12 संकुलों में रखा गया है। प्रत्येक ट्रेन में न्यूनतम 16 डिब्बे होंगे। रेलवे के अनुसार इनमें से ज्यादातर आधुनिक ट्रेनों का विनिर्माण भारत में मेक इन इंडिया के तहत होगा और निजी इकाई उसके वित्त पोषण, खरीद, परिचालन और रखरखाव के लिये जिम्मेदार होंगे।

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