कैप्टन कूल का बड़ा फैसला- महेंद्र सिंह धौनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा

New Delhi : क्रिकेट प्रेमियों के दिलों पर 15 साल तक राज करने के बाद कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धौनी ने बड़ी घोषणा की है। उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट से सन्यास की घोषणा की है। टेस्ट क्रिकेट से वे पहले ही सन्यास की घोषणा कर चुके थे। इस तरह काफी समय से चली आ रही इन अटकलों पर भी विराम लग गया है कि महेंद्र सिंह धौनी को वन-डे इंटरनेशनल मैचों में अब मौका दिया जायेगा या नहीं। धौनी भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफलतम कप्तान और विकेटकीपर हैं।

महेंद्र सिंह धौनी के नेतृत्व में भारतीय टीम ने पहला 20-20 वर्ल्ड कप जीता था। 2011 में उनके नेतृत्व में ही भारतीय टीम ने वन-डे वर्ल्ड कप भी जीता था। उस वर्ल्ड कप को जीतने के लिये लगाया गया सिक्स आज भी क्रिकेट प्रेमियों के दिलों को धड़का देता है। महेंद्र सिंह धौनी को लेफ्टिनेंट कर्नल की उपाधि भी मिली हुई है। रांची के रहनेवाले धौनी पद्म भूषण, पद्म श्री और राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित क्रिकेट खिलाड़ी हैं।

उनकी कप्तानी में भारत ने 2007 आईसीसी विश्व 20-20, 2007–08 कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज , 2011 क्रिकेट विश्व कप, आइसीसी चैम्पियंस ट्रॉफ़ी 2013 और बॉर्डर-गावस्कर ट्राफी जीती जिसमें भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 4-0 से हराया। उन्होंने भारतीय टीम को श्रीलंका और न्यूजीलैंड में पहली वनडे सीरीज़ जीत दिलाई। 2 सितम्बर 2014 को उन्होंने भारत को 24 साल बाद इंग्लैंड में वनडे सीरीज में जीत दिलाई।

धौनी पहले भारतीय खिलाड़ी थे जिन्हें 2009 में आईसीसी वनडे प्लेयर ऑफ़ द इयर का अवार्ड दिया। 2009 में विस्डन के ड्रीम टेस्ट एलेवन टीम में धोनी को कप्तान का दर्जा दिया गया। उनकी कप्तानी में भारत ने 28 साल बाद एक दिवसीय क्रिकेट विश्व कप में दुबारा जीत हासिल की। सन् 2013 में इनकी कप्तानी में भारत पहली बार चैम्पियंस ट्रॉफी का विजेता बना।

धोनी दुनिया के पहले ऐसे कप्तान बन गये जिनके पास आईसीसी के सभी कप है। इन्होंने 2014 में टेस्ट क्रिकेट को कप्तानी के साथ अलविदा कह दिया था। इनके इस फैसले से क्रिकेट जगत स्तब्ध रह गया। 14 जुलाई 2018 को, एमएस धोनी चौथे भारतीय क्रिकेटर और ओडीआई क्रिकेट में 10,000 रन बनाने के लिए दूसरे विकेटकीपर बने।

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