इस खबर के बाद से ही मार्केट में हाहाकार मच गया था। कई जगह तो दुकानदार सिक्के लेने को भी तैयार नहीं थे, लेकिन सरकार ने अचानक अपना ही फैसला पलट दिया है। इसके साथ ही देश में सिक्का ढालने वालों चारों टकसालों ने दोबारा सिक्कों की छपाई शुरू कर दी है। हालांकि, उन्हें यह काम धीमी रफ्तार से करने को कहा गया है।
सरकार ने कोलकाता, मुंबई, नोएडा और हैदराबाद स्थित टकसालों का संचालन करने वाली सार्वजनिक कंपनी सिक्यॉरिटी प्रिंटिंग ऐंड माइनिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड से कहा कि आमतौर पर दो शिफ्टों में होने वाले काम के बजाय एक ही शिफ्ट में सिक्कों की ढलाई की जाए।
कलकत्ता टकसाल कर्मचारी संगठन के उपाध्यक्ष विजन डे ने कहा, 'हमने शुक्रवार से सिक्कों की ढलाई शुरू कर दी है। हमें हर तरह के सिक्कों की ढलाई करने के लिए कहा गया है।' उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2017-18 में 771.2 करोड़ सिक्कों की ढलाई करने को कहा था जिनमें से 590 करोड़ सिक्कों की ढलाई हो चुकी है।
चालू वित्त वर्ष के बचे ढाई महीनों में टकसालों द्वारा यह लक्ष्य हासिल कर लेने की उम्मीद है। सरकार ने बाजार में सिक्कों की अधिकता तथा भंडारण के लिए जगह की कमी के कारण 9 जनवरी को सिक्कों की ढलाई रोकने का निर्देश दिया था।
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