New Delhi : कोरोना लॉकडाउन के बीच गुजरात के सूरत में हजारों की संख्या में प्रवासी कामगार अपने वेतन की मांग को लेकर शुक्रवार की रात सड़क पर उतर गए। ये प्रवासी कामगार अपने वेतन के साथ-साथ अपने घर जाने की अनुमति की मांग भी कर रहे थे। उग्र हुई भीड़ ने करीब आधा दर्जन सब्जी की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया है। जबकि अहमदाबाद में पुलिस पर पत्थरबाजी की घटना भी सामने आई है। इन कामगारों-श्रमिकों में अधिकांश बिहार और उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के रहने वाले हैं।
भीड़ को काबू करने पहुंची पुलिस ने लगभग 60-70 लोगों को हिरासत में भी लिया है। ये सभी प्रवासी कामगार है लेकिन कोरोना लॉकडाउन की वजह से सूरत में फंस गए हैं। अब ये अपना कंपनियों से अपना वेतन और प्रशासन से घर जाने की अनुमति मांग रहे हैं। फिलहाल भीड़ का काबू करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के सचिव अश्विनी कुमार ने शुक्रवार को बताया कि लॉकडाउन की मौजूदा स्थिति में छोटे-बड़े उद्योग, इकाई, ठेकेदार आदि अपने कर्मचारी को नौकरी से निकाल नहीं सकते और उन्हें इस अवधि का वेतन भी अपने कर्मचारी को देना होगा। सरकार इन दिशा-निदेर्शों का राज्य की उद्योग-व्यापार इकाइयों ने व्यापक समर्थन किया है। राज्यभर में ऐसी 20214 छोटी-बड़ी इकाइयों ने उनके लगभग 7.38 लाख कामगारों-श्रमिकों को 1264 करोड़ का वेतन प्रदान किया है।
गुजरात में कोरोना संक्रमण के 116 नए मामले सामने आने के बाद राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 378 हो गयी है। स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव जयंती रवि ने शुक्रवार शाम बताया कि पिछले 24 घंटे में अहमदाबाद में 55, वडोदरा में 37, राजकोट में पांच, भरूच में सात, भावनगर में चार, सूरत में तीन, कच्छ और पाटण में दो-दो और गांधीनगर में एक नये मामले आये हैं। कोरोना वायरस से 33 में से अब तक 19 जिले प्रभावित हैं। अब तक कुल 33 लोगों को ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गयी। वेन्टीलेटर पर तीन मरीज हैं और 323 लोगों की हालत स्थिर है।