New Delhi : आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मुस्लिम राष्ट्र पाकिस्तान में भी देवी मां की पूजा की जाती है। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हिंगोल नदी किनारे अघोर पर्वत पर मां हिंगलाज मंदिर में हिंगलाज शक्तिपीठ की प्रतिरूप देवी की प्राचीन दर्शनीय प्रतिमा विराजमान हैं। माता हिंगलाज की महिमा सिर्फ कराची और पाकिस्तान में ही नहीं, अपितु पूरे भारत में है। कराची जिले के बाड़ी कलां में विराजमान माता का ये मंदिर सुरम्य पहाड़ियों की तलहटी में स्थित है।
Hinglaj is an important Hindu pilgrimage place in Pakistan's-occupied Balochistan.
Hindus worshiping outside of Hinglag Mata Mandir at Hingol national park. pic.twitter.com/650UPB5kJh
— Amir (@IMAmirBA) September 15, 2020
To all my Hindu brother and sisters in India, A short darshan of Hinglag Mata Mandir or Nani Mandir as we Baloch call it, in Pakistan's-occupied Balochistan.
Jai Mata Di 🙏. pic.twitter.com/zzFEHyZbF3
— Amir (@IMAmirBA) October 1, 2020
Hinglag Mata Mandir in Balochistan is safe because of Balochs, Baloch Muslims are rare community who never forgot their rich cultural past. Whereas Pakistanis hv been searching their roots in arab and now in turkeys.#ModiRocksChinaShocked @Aquibmir13 @TarekFatah @hyrbyair_marri pic.twitter.com/TBOZqSVAm3
— Ashik Malik (@ashik1_malik) September 3, 2020
Raining at Hinglag Mata Mandir in Balochistan. pic.twitter.com/GVhEE11c7E
— Tarun (@tarun33) August 29, 2020
पाकिस्तान में स्थित माता के इस शक्तिपीठ को जहां हिन्दू ‘देवी हिंगलाज’ के रूप में पूजते हैं, वहीं मुसलमान ‘नानी का हज’ कहते हैं। यही कारण है कि इस शक्तिपीठ में आकर हिंदू और मुसलमान का भेदभाव मिट जाता है। दोनों ही संप्रदाय के लोग भक्ति पूर्वक इस मंदिर में सिर झुकाते हैं। कहा जाता है कि जब सतयुग में देवी सती ने अपना शरीर अग्निकुंड में समर्पित कर दिया था, तो भगवान शिव ने सती के जले शरीर को लेकर तांडव किया और फिर भगवान विष्णु ने उन्हें शांत करने के लिए अपने सुदर्शन चक्र से सती के जले शरीर को टुकड़ों में विभाजित कर दिया था।
माना जाता है कि सती के शरीर का पहला टुकड़ा यानि सिर का एक हिस्सा यहीं अघोर पर्वत पर गिरा था। जिसे हिंगलाज व हिंगुला भी कहा जाता है यह स्थान कोटारी शक्तिपीठ के तौर पर भी जाना जाता है। बाकी शरीर के टुकड़े हिंदुस्तान के विभिन्न हिस्सों में गिरे, जो बाद में शक्तिपीठ कहलाए। यह मंदिर बलूचिस्तान राज्य की राजधानी कराची से 120 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में हिंगोल नदी के तट के ल्यारी तहसील के मकराना के तटीय क्षेत्र में हिंगलाज में स्थित एक हिन्दू मंदिर है। यहां सती माता के शव को भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र से काटे जाने पर यहां उनका ब्रह्मरंध्र (सिर) गिरा था।इस मंदिर को ‘नानी का मंदिर’ के नाम से भी जाना जाता है।
कहते हैं कि हिंगलाज मंदिर को इंसानों ने नहीं बनाया। यहां पहाड़ी गुफा में देवी मस्तिष्क रूप में विराजमान हैं। यह स्थल पर्यटन की दृष्टि से भी बेहद अच्छा माना जाता है। 51 शक्तिपीठों में हिंगलाज पहला शक्तिपीठ माना गया है। शास्त्रों में इस शक्तिपीठ को आग्नेय तीर्थ कहा गया है। मंदिर से कुछ ही दूरी पर दुनिया का सबसे बड़ा कीचड़ वाला ज्वालामुखी भी है।
Happy Navratri to all, May Maa Durga bless you with Best in Life 🙏.
Hindu brother and sisters celebrating #Navratri at Hinglag Mata Mandir in occupied Balochistan.#Navratri2020 #NavratriSpecial.
Jai Mata Di 🙏. pic.twitter.com/qUjr4Qz0zo
— Amir (@IMAmirBA) October 17, 2020
@KapilMishra_IND @majorgauravarya@MajorPoonia @iArmySupporter @TarekFatah
Even though Baloch are being abducted and killed by Pakistani Army, but they have protected Hinglag Mata Mandir.#FreeBalochistan #StopBalochGenocide#BalochistanIsNotPakistanpic.twitter.com/Whgd1WxVXP https://t.co/ZdKynWWrnn
— Arvind Prakash (@arvindprakash7) September 3, 2020
A cute pic of two Baloch kids visiting Hinglag Mata Mandir.
Nani Mandir is one of the oldest Hindu temple in occupied Balochistan. pic.twitter.com/xSSO3FiqQ3
— Fazila Baloch🌺☀️ (@IFazilaBaloch) September 5, 2020
चैत्र नवरात्र में यहां एक महीने तक काफी बड़ा मेला लगता है। मंदिर की खास बात यह भी है कि पहले कभी इस मंदिर के पुजारी मुस्लिम हुआ करते थे। हालांकि पुजारी अभी भी मुस्लिम ही है यह मंदिर पाकिस्तान जैसे मुस्लिम बहुल्य देश में धर्मनिरपेक्षता की मिशाल कायम किए हुए है।