New Delhi : मिजोरम में ऐसा रामराज्य है जिससे सभी हैरत में हैं। मिजोरम की राजधानी आइजोल से कुछ ही घंटे दूर सेलिंग शहर है, जहां की स्थानीय समुदाय एक अनोखी और अद्भुत परंपरा का पालन करता है। मिजोरम में ‘नगहा लो डावर’ संस्कृति आज भी काफी प्रचलित है। इस परंपरा के अनुसार स्थानीय दुकान तो खोली जाती है लेकिन दुकानदार नहीं बैठे होते। दुकानदार की अनुपस्थिति में सभी दुकाने खोली जाती हैं। दुकान से सामान लेने के बाद लोग एक बॉक्स के अंदर कीमत रखकर चले जाते हैं।
Mizoram: Some roadside shops may make a traveller wonder. They are unusual with no shopkeeper found keeping guard and…
Posted by All India Radio News on Saturday, June 20, 2020
यह दुकानें ज्यादातर राजमार्गों पर स्थित हैं। यहां आपके लिये न केवल खरीदने के लिये सामान उपलब्ध हैं बल्कि जीवन का एक महत्वपूर्ण सबक भी सीख सकते हैं। हालिया तस्वीर पहले गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) ‘माइ हाउस इंडिया’ ने ट्वीट किया और उसके बाद ऑल इंडिया रेडियो ने। कैप्शन लिखा – यहां दुकानदार दुकाने खोलते हैं और उसमें पैसों के लिये एक डिब्बा रख देते हैं। ये दुकानें विश्वास के सिद्धांत पर चलती हैं। जिससे कि लोग जो चाहें वे ले सकें और पैसों को डिब्बे में डाल दें।
एनजीओ के ट्वीट पर लोगों ने कई प्रशंसात्मक टिप्पणियां की हैं।
एक यूजर ने लिखा- भारतीय होने पर हमें बहुत ज्यादा गर्व है। दूसरे यूजर ने लिखा- बहुत बढ़िया। तीसरे यूजर ने लिखा- इन लोगों को बहुत सारा प्यार। चौथे यूजर ने लिखा- यह सब विश्वास की बात है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा लोग इस वीडियो को देख खूब पसंद कर रहे हैं। अब तक इस वीडियो को हजारों लोगों ने देख लिया है। इस पर सैकड़ों रिट्वीट आ चुके हैं।
Along highway of Seling in Mizoram, many shops without shopkeepers are found without shopkeepers. It is called 'Nghah Lou Dawr Culture Of Mizoram' which means ‘Shop Without Shopkeepers’. You take what you want & keep money in deposit box. These shops work on principle of trust! pic.twitter.com/LbG1J8xN1d
— My Home India (@MyHomeIndia) June 19, 2020
वैसे रामराज्य में इसी तरह की परिकल्पना की गई है। जहां दरवाजे बंद न हो और लोगों को एक दूसरे पर पूरा विश्वास हो। भारत के कई शहरों में इस तरह के प्रयोग हो रहे हैं मगर व्यापकता में नहीं। ऐसे में मिजोरम की यह लोक परंपरा वास्तव में जीवन में विश्वास की महत्ता और उसमें छिपे सुख शांति के महत्व को बताती है।