पाकिस्तान में है हनुमान जी का एक ऐसा मंदिर, जहां जमीन के अंदर से प्रकट हुई मूर्ति

New Delhi : हनुमान जी को कलयुग का देवता कहा जाता है। ग्रथों के अनुसार हनुमान दी एक मात्र ऐसे देवका है दो धरती परसशरीर विचरण करते हैं। हनुमान जी भोलेनाथ के 12वें रूद्र अवतार है। हनुमान को कलयुग में सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता कहागया है। यही वजह कि हनुमान के दुनियाभर में भक्त हैं। जाहिर सी बात है भक्त है तो मंदिर भी जरूर होगा।

ऐसा ही एक मंदिर हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी है। वैसे तो पड़ोसी देश में मंदिर ना के बराबर है। लेकिन जो मंदिर वहां सुरक्षितबचे हैं उनमें से एक है पंचमुखी हनुमान का। यह मंदिर 1500 साल पुराना यह मंदिर कराची के सोल्जर बाजार में स्थित है।

कराची में स्थित इस मंदिर को असाधारण माना जाता है। कहा जाता है कि हनुमान जी की ये मूर्ति इंसान नहीं बनाई बल्कि ये स्वयंभू है।इसका संबंध त्रेतायुग से है। ऐसा कहा जाता है कि यहां स्वयं भगवान राम चुके हैं। इसके अलावा मंदिर में सफेद और नीले रंग का 8 फीट लंबा प्रतिमा भी हैं। जिसे देखने लोग दूरदूर से आते है। इस मंदिर को लेकर एक किंवदंती प्रचलित है वर्तमान मंदिर जहां स्थित हैवहां एक तपस्वी साधना किया करती थी। एक दिन उन्हें सपने में पंचमुखी हनुमान के दर्शन हुए। सपने में हनुमान जी ने तपस्वनी से कहाकि वह पाताल लोक में निवास कर रहे है। उन्हें यहां स्थापित करने के लिए कहा।

तपस्वनी जब नींद से जागी तो उसने मंदिर की जगह से 11 मुठ्ठी हटाई तो हनुमान जी की मूर्ति प्रकट हुई थी। पाकिस्तान में रह रहे मराठी, सिंधी समुदाय के लोग दर्शन करने आते है। वर्तमान में जो मंदिर बना है उसका इतिहास 18वीं शताब्दी से जुड़ा हुआ है। मंदिरा कापुननिर्माण 1882 में कराया गया था। यहां श्रद्धांलु हुनमान जी की 11 परिक्रमाएं करते हैं और मन्नत मांगते है।  जिन भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं वो दोबारा यहां दर्शन करने आते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *