New Delhi : कोरोना आपदा और लॉकडाउन की वजह से अपना कामकाज छिनने के बाद रोते बिलखते अपने घरों की ओर पैदल चलते जा रहे कामगारों की कोई मदद करने वाला भी नहीं। खा रहे हैं या नहीं, ये भी पूछनेवाला कोई नहीं। ऐसे ही कुछ कामगार महिलाएं नेल्लूर जिले से विजयनगरम के लिए निकली, लेकिन खाने की व्यवस्था ना होने की वजह से वह भूखी थी। ऐसे में उन्होंने मदद के लिए विजयनगरम जिले की एसपी बी.राजा कुमारी को कॉल कर मदद मांगी। रात 12 बजे उन महिलाओं ने जब एसपी को कॉल किया मदद के लिए तो एसपी उठी और खुद ही किचेन की बागडोर संभाल ली। उन्होंने सबके लिये लेमन राइस बनाया और सभी के खाने का इंतजाम किया।
Smt. B. Raja Kumari, IPS, SP, VZM dist received a phone call from a migrant woman at midnight, on that she prepared food at mid night, took them to quorantaine center and feeded them at midnight of 15/16-05-2020. pic.twitter.com/gKLDWqJD5d
— vizianagaramdistrictpolice (@vizianagaramdi2) May 16, 2020
एसपी बताती हैं – रात 12 बजे उन्हें एक अनजान नंबर से कॉल आया और फोन करने वाली महिला ने बताया कि वह 2 दिन से सफर कर रही है। लेकिन रास्ते में कुछ खाने को नहीं मिला और वह भूखी ही चेक पोस्ट तक पहुंच चुकी हैं। इसके बाद एसपी ने अपने ऑफिसर्स को कॉल किया और पूछा कि खाने को कुछ मिलेगा, तो उन्होंने बोला कि रात के समय खाने को कुछ नहीं मिलेगा। ऑफिसर्स ने यह भी कहा कि वह इस समय ब्रेड अरेंज करने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन उस समय ब्रेड मिलना भी मुश्किल था। ऐसे में उन्होंने घर पर ही लेमन राइस बनाया और चेकपोस्ट पर लेकर पहुंच गईं।
Migrant workers are a vulnerable section in the lockdown. SP Vizianagaram Smt B. Rajakumari, IPS caught migrant workers returning back to their native districts in goods container and sent them to Government Hospital for medical tests. #lockdown #Covid #APPolice #toughdecisions pic.twitter.com/RE4krfdOGa
— AP Police (@APPOLICE100) April 17, 2020
एसपी बी राजा कुमारी ने बताया कि जब तक वह चेक पोस्ट पहुंची 7 महिलाएं वहां से जा चुकी थी। बाकी 11 महिलाओं को लेडी कॉलेज में बनाये गये क्वारैंटीन सेंटर ले जाया गया और वहां उन्हें खाना खिलाया। वहीं, जब महिलाओं से एसपी के नंबर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि गांव में किसी व्यक्ति ने उन्हें यह नंबर देते हुए कहा था कि यदि कोई भी मदद चाहिए हो तो इस नंबर पर कॉल करना। इसलिए भूख लगने पर हमने इस नंबर पर कॉल कर खाने के लिए मदद मांगी। यह पहली बार नहीं है जब एसपी लोगों की मदद के लिए आगे आई हैं। वह जिले के प्रवासी मजदूरों को कपड़े, चप्पल, खाने के पैकेट और अन्य जरूरी चीजे भी वितरित कर चुकी हैं।