New Delhi : भारत के सबसे युवा आईपीएस सफीन हसन पर पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की वो पंक्तियां सटीक बैठती हैं जिसमें वह कहते हैं कि सपने वो नहीं होते जो सोते समय देखे जाते हैं बल्कि सपने वो होते हैं जो आपको सोने नहीं देते। 22 साल की उम्र में भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी बनकर हसन ने इन्हीं शब्दों को सच कर दिखाया है। एक मध्मवर्गीय परिवार जिसमें पिता साधारण इलेक्ट्रीशियन और मां घर खर्च चलाने के लिए मेड का काम किया करती थी। कई बार खाने तक को घर में कुछ नहीं रहता था। इतना ही नहीं उनकी पढ़ाई के लिए न कोई फाइनेंशियल सिक्योरिटी थी और कई बार तो फीस भरने के भी लाले पड़ जाते थे। लेकिन कहते हैं न सोना जितना तपता है उतना ही सुनहरा होता जाता है। तमाम विषम परिस्थितियों को हराकर आज सफीन न केवल देश के सबसे युवा आईपीएस ऑफीसर हैं बल्कि तमाम युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत भी बन गए हैं। आइए जानते हैं उनके बचपन से लेकर आईपीएस बनने की पूरी कहानी को।
HAPPY BIRTHDAY IPS OFFICER sr. SAFIN HASAN. pic.twitter.com/rsSopCjHkq
— Ravisolanki (@Ravi88729032) July 21, 2020
छोटी उम्र में हासिल की बड़ी कामयाबी – 22 साल की उम्र में जब ज्यादातर युवा ये तय भी नहीं कर पाते कि उनका जीवन का लक्ष्य क्या है उस उम्र में सफीन ने पहली कोशिश में ही आइपीएस की परीक्षा पास की और आइपीएस बन गए। सफीन बताते हैं कि उन्होंने प्राइमरी स्कूल में ही तय कर लिया था कि उन्हें सिविल सेवाओं में जाना है। सफीन बताते हैं कि जब वो 5वीं कक्षा में पढ़ते थे तो उनके विद्यालय का निरीक्षण करने के लिए एक दिन उस जिले के कलेक्टर आए। जिनके आने पर उनके रुतबे और शान को देखकर सफीन ने अपने मास्टर जी से पूछा कि यह कौन हैं? उनके टीचर ने सफीन को समझाने के लिए उत्तर दिया कि बस समझ लो कि ये जिले के राजा हैं। सफीन के बाल मन में यह बात बस गयी और तभी से उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने की ठान ली।
सरकारी स्कूल में हुई पढ़ाई- गुजरात, सूरत के एक छोटे से गांव कानोदर के रहने वाले हैं सफीन हसन की इसी गांव के सरकारी स्कूल में शुरुआती शिक्षा हुई। बाद की पढ़ाई भी उन्होंने सरकारी स्कूल से ही की। पढ़ायी में हमेशा से श्रेष्ठ सफीन की शुरुआती शिक्षा तो जैसे-तैसे पूरी हो गयी पर जब ग्यारहवी में उन्होंने साइंस लेनी चाही तो गांव के सरकारी स्कूलों में यह सुविधा नहीं थी। इतना पैसा नहीं था कि कोई पब्लिक स्कूल चुना जा सके. तभी वहां एक नया पब्लिक स्कूल खुला, जिसमें सफीन के पुराने शिक्षक भी थे. वे सफीन की पढ़ायी के कायल थे। उन्होंने सफीन को वहां पढ़ने का मौका दिया और फीस के बोझ से मुक्ति दिलायी।
गरीब परिवार से रखते हैं ताल्लुक- साफीन गुजरात के सूरत जिले के रहने वाले हैं। उनके माता-पिता एक हीरे की यूनिट में काम करते थे। लेकिन दुर्भाग्यवश साफीन के माता-पिता की नौकरी चली गई। जिसेक बाद घर का खर्च उठाने के लिए उनकी मां लोगों के घरों में रोटी बेलने का काम तो वहीं, पिता ने इलेक्ट्रिशियन के काम ते साथ जाड़ों में अंडे और चाय का ठेला लगाने का काम किया।
Wish you a very Happy B'day to the India's Youngest IPS officer Safin Hasan Sir. You are an inspiration to us all. May your life be filled with sweet moments, happy smiles and blissful memories. Have a great year ahead. 🙏🏼😇@SafinHasan_IPS pic.twitter.com/B56bA6MRFm
— Mansi Sabhaya (@MansiSabhaya) July 20, 2020
आईपीएस की परीक्षा से एक दिन पहले हुआ था एक्सीडेंट, चोटिल हालत में दी थी परीक्षा- हसन ने जिस परीक्षा के लिए जी तोड़ महनत की थी उसके एक दिन पहले ही उनका एक्सीडेंट हो गया था जिसमें उनके घुटने, कोहनी और पैरों में ज्यादा चोट आई थी। लेकिन अपने जख्मों के दर्द को सहते हुए वो परीक्षा देने पहुंच गए। परीक्षा के बाद उन्होंने जब इसका इलाज कराया तो उनके घुटने का लिगामेंट क्रेक को चुका था। जिसकी बाद में उन्हें सर्जरी भी करानी पड़ी।