New Delhi : पिछले लगभग 20 दिनों से राजस्थान में सियासी नाटक चल रहा है। रोज कोई न कोई राजनीतिक उठापटक सामने आ रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विपक्ष में बैठी भाजपा पर षडयंत्र रचने का आरोप लगा रहे हैं। गहलोत लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि राज्यपाल जल्द से जल्द विधानसभा सत्र बुलाए ताकि वो अपनी सरकार को सुरक्षित रखने के लिए बहुमत साबित कर सकें । लेकिन राज्यपाल कलराज मिश्र इसे कोरोना के तहत टालने की बात कह रहे हैं। अब तनानती इसी पर जारी है।
कुर्सी छोड़ दे गहलोत्या…
Sachin Pilot group may be singing this song that women sang during farmers protest in Sikar in February 2018. #RajasthanPolitics #RajasthanPoliticalCrisis pic.twitter.com/jJHrgFMpEi
— Rakesh Goswami (@DrRakeshGoswami) July 25, 2020
14 जुलाई को लंबे ड्रामें के बाद सचिन पायलट को राज्य के उपमुख्यमंत्री और अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। साथ ही उनके साथी विधायकों पर भी पार्टी ने कार्रवाई करते हुए उन्हें भी उनके पदों से हटा दिया। इससे पहले सचिन पायलट ने बागी तेवर दिखाते हुए कहा था कि कांग्रेस में उनका सम्मान खत्म होता जा रहा है। जिसके बाद वो दिल्ली में कांग्रेस के 22 विधायकों संग पाए गए। जिसके बाद सरकार गिरने का खतरा पैदा हो गया।
इसके बाद राज्य के विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सचिन पायलट समेत उनके गुट के 22 विधायकों को दलबदल कानून के तहत नोटिस दिया गया। कांग्रेस ने शिकायत में कहा था कि विधायकों ने पिछले हफ्ते बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक के लिये जारी ह्विप का उल्लंघन किया था। कांग्रेस ने पायलट और अन्य असंतुष्ट विधायकों के खिलाफ संविधान की 10वीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के तहत कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन राजस्थान हाई कोर्ट ने इस पायलट खेमे को राहत देते हुए इस पर शुक्रवार तक कोई भी कार्रवाई करने से मना कर दिया है।
अगर सियासी समीकरण को देखें तो सीएम अशोक गहलोत के पास 100 से ज्यादा विधायक हैं तो वहीं सचिन पायलट के पास सिर्फ 22 विधायक हैं ऐसे में पलड़ा सीएम अशोक गहलोत का ज्यादा भारी है। लेकिन सचिन पायलट जहां बीजेपी में जाने से इनकार रहे हैं तो वहीं कांग्रेस में वह अपनी संभावनाओं को खत्म भी नहीं करना चाहते हैं।
While over 100 #Rajasthan MLAs supporting #AshokGehlot & #SachinPilot are lodged in luxury hotels, this 62 yr old @cpimspeak MLA @GirdhariMahiya is working on his field, busy driving away locusts in Bikaner
I report @Outlookindia
https://t.co/X7eAhf1Ahx pic.twitter.com/OsQT0NK17L— Tabeenah Anjum (@TabeenahAnjum) July 26, 2020
वर्तमान समय की बात करें तो अब गहलोत जल्द से जल्द विधानसभा सत्र बुलाना चाहते हैं। जिसके लिए वो राज्यपाल पर दबाव बना रहे हैं। गहलोत सत्र बुलाकर अपना बहुमत साबित करने की बात कर रहे हैं। वो लगातार कह रहे हैं कि उनके पास बहुमत है जिसे सिद्ध करने का मौका दिया जाए। इस बात के लिए अब राज्यपाल और गहलोत के बीच पिछले 4-5 दिनों से घमासान जारी है।