New Delhi : लद्दाख घटना से जहां कुछ लोगों के आंखों में आंसू हैं तो किसी के सीने में गुस्सा लेकिन एक शख्स ऐसा भी है जिसे सिर्फ गर्व है। सीमा पर देश की रक्षा करते हुये अपने आपको न्यौछावर करनेवाले कर्नल संतोष बाबू के पिता बी उपेंदर बेटे के जाने से टूट जरूर गये हैं लेकिन हारे नहीं हैं। वह कहते हैं- देश पर मर मिटना सम्मान की बात है और मुझे मेरे बेटे पर गर्व है। कर्नल संतोष की पत्नी संतोषी को सबसे पहले उनके जाने की सूचना दी गई। कर्नल का गांव तेलंगाना में है। उनको आज अंतिम दर्शन के लिये शम्साबाद एयरपोर्ट से सूर्यपेट सड़क के रास्ते लाया जायेगा।
At first,we didn't believe it but later higher authorities told us what had happened.We're under deep shock.Our son faced many challenges: Parents of Col Santosh Babu,Commanding Officer,16 Bihar regiment who lost his life in violent face-off with Chinese soldiers in Galwan valley pic.twitter.com/m0LggsLCPO
— ANI (@ANI) June 17, 2020
बैंक से रिटायर हो चुके कर्नल संतोष के पिता बताते हैं – कर्नल ने अपने 15 साल के सेना के करियर में कुपवाड़ा में अलगाववादियों का सामना किया है और आर्मी चीफ उनकी तारीफ कर चुके हैं। उपेंदर ने ही कर्नल को सेना ज्वाइन करने के लिये प्रेरित किया था। उन्हें पता था कि इसमें खतरे भी हैं। वह कहते हैं- मुझे पता था कि एक दिन आयेगा जब मुझे यह सुनना पड़ सकता है जो मैं आज सुन रहा हैं और मैं इसके लिए मानसिक रूप से तैयार था। जाना तो हर किसी को है लेकिन देश के लिये जाना सम्मान की बात है और मुझे अपने बेटे पर गर्व है।
कर्नल संतोष ने आंध्र प्रदेश के कोरुकोंडा में सैनिक स्कूल जॉइन किया था और उसके बाद सेना के नाम अपना जीवन कर दिया था। उन्होंने 14 जून को अपने घर पर बात की थी और जब पिता ने उनसे सीमा पर तनाव के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा- आपको मुझसे यह नहीं पूछना चाहिये। मैं आपको कुछ नहीं बता सकता हूं। हम तब बात करेंगे जब मैं वापस आ जाऊंगा। यह उनकी अपने घरवालों से आखिरी बातचीत थी। अगली रात को ही यह सूचना आई। कर्नल ने अपने पैरंट्स को बताया था कि जो टीवी पर दिखाई दे रहा है, जमीन पर सच्चाई उससे अलग है।
She is the mother of Martyred Col B Santosh Babu, who sacrificed his life for country. Salute to this mother for showing country comes first. May God give her family all strength and courage this time. @PMOIndia sir these sacrifices should not go in vain. #TeachLessonToChina … https://t.co/0HWzzXXJR3
— Suren Sharma (@SuperCopSuren) June 17, 2020
कर्नल संतोष के पिता ने बताया- मैं सेना में जाना चाहता था लेकिन जा नहीं सका। जब मेरा बेटा 10 साल का था तब मैंने उसमें यूनिफॉर्म पहनकर देश की सेवा करने का सपना जगाया। सैनिक स्कूल में पढ़ने के बाद कर्नल संतोष NDA चले गये और फिर IMA। कर्नल के पिता और मां मंजुला तेलंगाना के सूर्यपेट में रहते हैं। उनकी पत्नी संतोषी 8 साल की बेटी और 3 साल के बेटे के साथ दिल्ली में रहती हैं। कर्नल के पिता कहते हैं- 15 साल में मेरे बेटे को चार प्रमोशन मिले। पिता के तौर पर मैं चाहता था कि वह खूब ऊंचाइयां चूमे। मैं जानता था कि सेना के जीवन में अनिश्चितता होती है, इसलिए हमें संतोष है कि उसने देश के लिए सबसे बड़ा बलिदान दे दिया।