सबसे अमीर मुकेश अंबानी पत्नी के साथ आये दीया जलाने, रतन टाटा ने भी जलाया एकता का दीप

New Delhi : Corona आपदा के अंधकार के खिलाफ PM Narendra Modi की रविवार रात 9 बजे 9 मिनट तक लाइटें बंद कर दीया, मोमबत्ती, टॉर्च या फोन की फ्लैश लाइट जलाने की अपील को जबरदस्त सफलता मिली। लोगों ने इलेक्ट्रिक लाइट बंद कर दिये। दीया-बाती और मोमबत्ती की रोशनी से पूरा देश नहा गया। उत्तर से दक्षिण तक। कश्मीर से कन्याकुमारी तक। मुम्बई से गुवाहाटी तक। सिर्फ और सिर्फ दीये और मोमबत्ती की रोशनी। गजब का दृश्य बना। तस्वीरें मनमोहक आई हैं। आप भी देखिये इन दिलचस्प तस्वीरों को। देश के सबसे अमीर मुकेश अंबानी ने भी दीया जलाया। नियत समय पर उनके आवास के सारे लाइट ऑफ कर दिये गये। यही नहीं वे अपनी पतनी नीता अंबानी के साथ बॉलकनी में आये और दीया-मोमबत्ती जलाया। रतना टाटा ने भी दीया जलाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीरा बेन ने भी पूरे देश के साथ एकजुटता दिखाने के लिये दीये जलाये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आज अपने आवास में दीये जलाकर पूरे देश को एकता का संदेश दिया। इस पूरे कार्यक्रम को लीड किया लीडर की तरह। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में विजय की मंगलकामना करते हुए शुभता का दीप प्रज्‍ज्‍वलित किया।
गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिफेन्स मिनिस्टर राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेी नड‍्डा, उप राष्ट्रपति वैंकैया नायडू ने दीप जलाया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, कैबिनेट मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव आदि सभी ने दीया जलाया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम मिलकर कोरोना को हरायेंगे। पूरा देश इस लड़ाई में एकसाथ है।

अपने आवास में दीप जलाते हुये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी


इस महामारी के अंधकार को चुनौती देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर देश के 130 करोड़ लोग रात नौ बजे नौ मिनट के लिए दीये जलाए। दिल्ली एनसीआर से लेकर देश के कोने-कोने से लोगों ने घरों के बाहर दीये और मोमबत्ती जलाकर ये संदेश दिया कि वो कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हैं। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता दिखाते हुए सोसायटी के लोगों ने अपने घरों की सारी बत्तियां बंद कर दी और घरों में कुछ दीपक जलाए, जिसके बाद सोसायटी का नजारा बहुत ही ज्यादा मनमोहक दिखाई दिया।

आर्मी के जवानों ने जलाया दीया


देश के सबसे अमीर मुकेश अंबानी ने भी दीया जलाया। नियत समय पर उनके आवास के सारे लाइट ऑफ कर दिये गये। यही नहीं वे अपनी पतनी नीता अंबानी के साथ बॉलकनी में आये और दीया-मोमबत्ती जलाया। रतना टाटा ने भी दीया जलाया। देश में जवानों ने भी दीया, मोमबत्ती और मोबाइल के लाइट ऑन करके एकता प्रदर्शित किया। प्रधानमंत्री ने रविवार को ट्वीट कर एक बार फिर लोगों को याद दिलाया था कि कोरोना से लड़ाई में दीया और मोमबत्ती जलाएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर आप तैयार हैं तो री-ट्वीट कीजिए। मोदी ने कोरोना संकट पर अपने तीसरे संबोधन में कहा था कि हमें 5 अप्रैल को अपनी महाशक्ति का जागरण करना है, ताकि लॉकडाउन के दौरान घरों में मौजूद लोग खुद को अकेला महसूस न करें।
केंद्रीय ऊर्जा सचिव संजीव नंदन सहाय ने उन आशंकाओं को बेबुनियाद बताया, जिनमें कहा गया है कि लाइटें बंद होने के बाद वोल्टेज बढ़ने से बिजली के उपकरण खराब हो जाएंगे। लोग रात 9 बजे सिर्फ लाइट बंद रखें, पंखा, फ्रिज, एसी जैसे बाकी उपकरण चलने दें। उपकरणों को कोई खतरा नहीं है। सभी बिजली उत्पादक और वितरण कंपनियों की पूरी तैयारी है। ग्रिड में भी कोई दिक्कत नहीं होगी। इससे पहले, अचानक बिजला की खपत कम होने और बढ़ने हवाला देते हुए महाराष्ट्र के मंत्री और कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ग्रिड फेल होने की आशंका जताई थी।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपनी पत्नी के साथ


इसे भी ऊर्जा मंत्रालय की ओर से खारिज कर दिया गया है। कोरोना संकट पर मोदी ने शुक्रवार को तीसरी बार देशवासियों को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने 5 अप्रैल को कोरोना संकट के अंधकार को चुनौती देने लिए लाइट बंद करके दिया जलाने की अपील की थी। उन्होंने कहा था – हमें प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है। रविवार को 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। घर की सभी लाइटें बंद कर, दरवाजे पर या बालकनी में, खड़े रहकर, 9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं।

होम मिनिस्टर अमित शाह दीप जलाते हुये


ताकि अपने घरों में मौजूद कोई भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में खुद को अकेला महसूस न करे। प्रकाश के इस आयोजन के दौरान सोशल डेस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा का भी ध्यान रखें। कोरोना संकट को हराने के लिए प्रकाश के तेज को चारों ओर फैलाना है। दुनिया में ऐसा कुछ नहीं है, जो हम ताकत से हासिल न कर पाएं।

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