New Delhi : कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन के चलते प्रवासियों को हो रही दिक्कतों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अब तक 91 लाख प्रवासियों को शिफ्ट किया जा चुका है। 80 फीसदी प्रवासी उत्तर प्रदेश और बिहार के हैं। देश के विभिन्न भागों में फंसे प्रवासी मजदूरों की दयनीय हालत और उनकी समस्या पर सुप्रीम कोर्ट ने बीते मंगलवार को स्वत: संज्ञान लिया था। जस्टिस अशोक भूषण, संजय किशन कौल और एमआर शाह ने केन्द्र, राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को नोटिस भेजते हुए 28 मई तक जवाब देने के लिए कहा था। कोर्ट ने पूछा था कि उनकी स्थिति में सुधार के लिए आखिर क्या कदम उठाए गये हैं।
Supreme Court hearing a matter relating to migrant labourers: SC says, we are concerned with the difficulties of migrants trying to get to their native place. There are several lapses that we've noticed in the process of registration,transportation&provision of food&water to them pic.twitter.com/1wKI0IcqeQ
— ANI (@ANI) May 28, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों पर सुनवाई के दौरान कहा- पैदल चल रहे मजदूरों को जल्द सारी आश्रय स्थल पर ले जाएं और उन्हें सारी सुविधाएं दें। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हमें इस बात की चिंता है कि प्रवासी मजदूरों को घर वापस जाने के दौरान दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हमने नोटिस किया है कि रजिस्ट्रेशन की प्रकिया, ट्रांसपोटेशन के साथ-साथ उनके खाने-पीने के इंतजाम में काफी खामियां हैं। साथ ही कोर्ट ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को घर भेजने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में कहा था – सरकारों को तुरंत प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। प्रवासी मजदूरों को घर तक पहुंचाने के लिए यात्रा, ठहरने और खाने की व्यवस्था तुरंत होनी चाहिए। इस काम में एजेंसियों के बीच तालमेल जरूरी है।
जस्टिस अशोक भूषण, संजय किशन कौल और एमआर शाह की बेंच ने मीडिया रिपोर्ट्स और मजदूरों की बदहाली पर मिल रही चिट्ठियों के आधार पर संज्ञान लिया था। कोर्ट ने कहा था कि पैदल घर लौट रहे प्रवासियों के लिए रास्ते में खाने-पीने के इंतजाम नहीं होने की शिकायतें मिल रही हैं।
Uttar Pradesh and Bihar account for over 80 per cent of migrants. 91 lakh migrants shifted so far: Solicitor General Tushar Mehta tells Supreme Court during hearing on migrant labourers matter. https://t.co/YGIi8Am12H
— ANI (@ANI) May 28, 2020
फिलहाल प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए रेलवे लगातार ट्रेनें चला रही है। अभी तक लगभग 50 लाख मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाया गया है। इसके साथ सही सरकार का कहना है कि उसने लाखों मजदूरों के खाते में पैसे भी भेजे हैं।