पाक ने 442 अरब का ठेका चीन को दिया, भारत का विरोध- गिलगित-बाल्टिस्तान हमारा है, हमारा रहेगा

New Delhi : पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान में बांध बनाने का काम चीन की एक बड़ी कंपनी को दे दिया है। पाकिस्तान सरकार ने डायमर-भाषा बांध के निर्माण के लिए चीन की एक सरकारी कंपनी और सेना के वाणिज्यिक अंग के साथ 442 अरब रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें पाकिस्तान और चीन की बड़ी साजिश नजर आ रही है। भारत ने भी अब मसले को गंभीरता से लिया है। भारत ने एक बड़ा ठेका देने के पाकिस्तान के कदम पर यह कहते हुए ऐतराज जताया कि पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले क्षेत्र में ऐसी परियोजनाएं शुरू करना सही नहीं है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्त ने कहा – हमारा रुख सतत और स्पष्ट रहा है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्रशासित प्रदेशों का पूरा क्षेत्र भारत का अविभाज्य अंग रहा है, है और रहेगा। उन्होंने कहा- हमने पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र में सभी ऐसी परियोजनाओं को लेकर पाकिस्तान और चीन के सामने लगातार अपना विरोध जताया है और चिंता रखी है।
पिछले सप्ताह भी भारत ने तब पाकिस्तान के सामने उसके अवैध एवं जबरन कब्जे वाले क्षेत्र में बदलाव लाने की उसकी कोशिश के प्रति अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया था। जब वहां की शीर्ष अदालत ने गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने की अनुमति दी थी। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के वरिष्ठ राजनयिक को अदालत के इस आदेश के विरुद्ध कड़ी आपत्ति जताते हुए एक कड़ा विरोध पत्र सौंपा था। इसमें इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्रों सहित जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का समूचा क्षेत्र भारत का अभिन्न अंग है।

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