New Delhi : कश्मीर के लोग अब न तो अलगाववादियों का साथ देना चाह रहे हैं और न ही ऐसे लोगों के साथ खड़े दिखना चाहते हैं। भारतीय सेना ने रविवार को कहा – उत्तरी कश्मीर की हरकतें हताशा का संकेत हैं। इन्हें अब कश्मीर के लोगों का समर्थन नहीं मिल रहा है। यहां के लोग अब शांति चाहते हैं। इस साल देश विरोधी संगठनों में स्थानीय युवाओं की भर्ती में बड़ी कमी आई है। इसके उलट सेना में भर्ती होने के लिये पिछले साल से दोगुनी संख्या में युवाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है।
कश्मीर स्थित एक्सवी कोर के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल बग्गावली सोमशेखर राजू ने पत्रकारों से कहा – पाकिस्तान समर्थित अलगाववादी संगठन यहां झूठ का प्रचार करते हैं और प्रोपेगेंडा चलाते हैं। इनको अब जनता से बहुत ज्यादा समर्थन नहीं मिल रहा है। कुल मिलाकर लोग एक समाधान चाहते हैं और वे अलगाववाद के इस दुष्चक्र से बाहर निकलना चाहते हैं।
Terrorists opened fire when we started a search operation today morning. In retaliatory fire, five terrorists including two commanders were killed. No collateral damage has occurred during the operation: Vijay Kumar, Inspector General of Police, Kashmir Zone (2/2) https://t.co/3QZtINtLhK
— ANI (@ANI) June 7, 2020
सेना के कर्नल, एक मेजर और सीआरपीएफ के जवानों के शहीद होने के सवाल पर जनरल राजू ने कहा – ये किसी भी तरह से अलगाववादियों के बढ़ने का संकेत नहीं देते हैं। वास्तव में इसके विपरीत, अलगाववादी संगठनों में स्थानीय युवाओं की भर्ती 2018 से 2019 तक लगभग आधी हो गई है। 2020 में यह और भी घटी है। सेना ने संगठनों में शामिल होने वाले युवाओं की संख्या की जानकारी नहीं दी है।
हालांकि, जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने पहले कहा था – 2018 में 218 और 2019 में केवल 139 स्थानीय युवा अलगाववादी संगठनों में शामिल हुये। इस साल इन संगठनों में शामिल होने वाले स्थानीय युवाओं की संख्या का कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है, लेकिन खुफिया एजेंसियों के मुताबिक 2020 में लगभग 35 स्थानीय युवा घर से गायब हुये और अलगाववादी समूहों में शामिल हो गये।
जनरल राजू ने कहा – अधिक से अधिक युवा खेल, स्किल डेवलपमेंट, जॉब और शिक्षा की ओर बढ़ रहे हैं। भविष्य में सेना के लिये होने वाली रैली भर्ती के लिये 10 हजार युवाओं ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है। यह संख्या पिछले साल से दोगुनी है। यह कश्मीर में होने वाले बदलाव की एक तस्वीर है। जनरल राजू ने कहा – पाकिस्तान का मकसद इस क्षेत्र में झूठ फैलाना और शांति को बिगाड़ना है। ताकि स्थानीय युवाओं को फंसाकर अलगाववादी बनाया जा सके, लेकिन अब तस्वीर बदल रही है।