New Delhi : पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में पहली बार एक भव्य कृष्ण मंदिर का निर्माण होने जा रहा है। मगर इसके निर्माण को लेकर यहां के कट्टरपंथी रोड़ा डाल रहे हैं। पहले इस मंदिर के निर्माण पर रोक लगवाई और अब मंदिर की जमीन पर जबरन अजान पढ़ना शुरू कर दिया है। यही नहीं मंदिर की नींव को भी कुछ मजहबी गुटों ने बीते दिनों ढहा दिया।
Pakistan: Everyone has a right to freedom of religion or belief, a right that is guaranteed in Pakistan’s constitution and its international obligations. Halting the construction of a Hindu temple in Islamabad is an unconscionable act of bigotry that must be reversed immediately.
— Amnesty International South Asia (@amnestysasia) July 7, 2020
बहरहाल मंदिर निर्माण का वादा करना और फिर उसे रोकना पाकिस्तान सरकार के लिए परेशानी का सबब बन गया है। इमरान खान सरकार ने निर्माण की मंजूरी दी। फंड भी जारी किया। लेकिन, कट्टरपंथियों के दबाव में मंदिर का काम रोकना पड़ा। अब एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इमरान सरकार को धार्मिक कट्टरता छोड़ने और मंदिर निर्माण शुरू कराने को कहा है।
पिछले हफ्ते काम शुरू हुआ था। बाउंड्री वॉल बनाई जा रही थी। इस्लामाबाद की लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने इसे रुकवा दिया। कुछ लोगों ने बाउंड्री वॉल तोड़ दी। अब सरकार कह रही है कि सभी पक्षों से बातचीत की जाएगी।
मंगलवार को एमनेस्ट इंटरनेशनल ने इस्लामाबाद में मंदिर निर्माण रुकने पर नाराजगी जाहिर करते हुये पाकिस्तान को नसीहत दी। संगठन ने ट्वीट में कहा- सभी को धार्मिक स्वतंत्रता है। पाकिस्तान के संविधान में इसकी इजाजत दी गई है। यह अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी भी है। मंदिर निर्माण रोका जाना गलत कदम और कट्टरता है। पाकिस्तान को फौरन अपना फैसला बदलना चाहिए।
दुनिया में अपनी लिबरल इमेज बनाने के लिए इमरान खान ने पिछले महीने इस्लामाबाद में पहले मंदिर निर्माण की मंजूरी दी। 10 करोड़ रुपए का बजट भी जारी किया। बाउंड्री वॉल और फाउंडेशन का काम शुरू हुआ तो लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने गुरुवार को इसे रुकवा दिया। कहा कि मंदिर का नक्शा और प्लान होना जरूरी है।
अगले दिन रात में कुछ लोगों ने बाउंड्री वॉल तोड़ दी। अब धार्मिक मामलों का मंत्रालय कह रहा है कि वो सभी पक्षों से बात करेगा। इस्लामाबाद हाईकोर्ट में निर्माण रोकने की याचिका पर सुनवाई जारी है।
इमरान सरकार ने बीते दो दिन पहले ही मुस्लिम कट्टरपंथियों के फतवे के बाद इस मंदिर के निर्माण पर रोक लगा दी। इस मंदिर का निर्माण पाकिस्तान के कैपिटल डिवेलपमेंट अथॉरिटी के जिम्मे था। पाकिस्तान सरकार ने अब मंदिर के संबंध में इस्लामिक ऑइडियॉलजी काउंसिल से सलाह लेने का निर्णय लिया है।
In Islamabad, Pakistan, mandir is not acceptable. Foundations destroyed by mob.
In Haryana, India, Sikhs are building mosque for Muslims. Foundations of mosque laid by Sikhs..
Both are Punjabs… difference is clear… pic.twitter.com/rR5AX5dOYv— vinod kr menaria (@vinodkrmenaria) July 7, 2020
धार्मिक मामलों के मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा- धार्मिक पहलू को देखने के बाद मंदिर को बनाने पर फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि पीएम इमरान खान अल्पसंख्यकों के पूजा स्थलों के लिए फंड जारी करने पर निर्णय लेंगे। मंदिर के निर्माण पर रोक लगाने के बाद उन्होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की जाएगी।