मंजिलें उन्ही को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है
पंखो से कुछ नहीं होता हौसलों से उडान होती है
New Delhi : ये बात निक वुजीकिक पर एक दम सटीक बैठती है। जरा सोच के देखिए एक ऐसा इंसान जो बिना हाथ बिना पैर के पैदा होता है और न सिर्फ जीता है बल्कि दूसरों को जीने का सलीका सिखाता है। आज अगर हम कुछ खो बैठते हैं या व्यापार में नुकसान हो जाता है या किसी काम में असफलता हाथ लगती है तो हमारी सारी उम्मीदें एकदम टूटने लगती हैं। अब जरा इस शख्स के बारे में सोचिये। कैसी रही होगी इस व्यक्ति की शुरूआती जिंदगी। आप इस व्यक्ति की तस्वीर देख कर सिर्फ यही सोच पा रहे होंगे कि ये अपने दैनिक कामों से कैसे निपटता होगा। लेकिन ये व्यक्ति हमारी और आपकी सोच से कहीं ज्यादा आगे है। आइये जानते हैं इस जिंदादिल इंसान के बारे में।
We all go through life wanting things to be different, or wishing life wasnt as difficult. Nick Vujicic is a young man who sees each & everyday as an opportunity to challenge himself. Born with a syndrome known as Tetra-amelia, Nick is an inspiration to us all. Phenomenal person https://t.co/1riK9WW14w
— Boroboy 🇬🇧😎🇺🇸 (@Boroboy_David) August 10, 2020
4 दिसंबर 1982 को ऑस्ट्रेलिया में निक आज दुनिया के जाने माने मोटिवेशनल स्पीकर और राइटर हैं। जन्म से ही उनके दोनों हाथ और पैर नहीं थे। जब वो अपनी मां के पेट में थे तो उनका शरीर पूर्ण विकसित नहीं हो पाया। करोड़ों में कोई एक मामला ऐसा होता है। पैरंट्स ने जब बिना हाथ-पैर वाला बच्चा देखा तो बेहद हताश हो गए। यहां तक कि निक की मां ने उन्हें करीब 4 महीने बाद गोद में उठाया। निक की मां नर्स थीं और प्रेग्नेंसी में उन्होंने अपना पूरा ध्यान रखा था। निक की शारीरिक कमी के लिए उनकी मां खुद को ही दोषी मानती थीं। दोनों पैरंट्स सोचते रहते थे कि उनके साथ ही ऐसा क्यों हुआ? जिंदगी के शुरुआती दिन निक के लिए बहुत मुश्किल वाले थे| रोजाना के काम से लेकर पढ़ाई-लिखाई तक में दिक्कतें थीं, खेल-कूद तो दूर की बात थी।
शुरुआती दिन कठिन थे। अपने बचपन के दौरान, निक ने न केवल स्कूल और किशोरावस्था की विशिष्ट चुनौतियों से निपटा, बल्कि वह अवसाद और अकेलेपन से भी जूझते रहे। निक लगातार सोचते थे कि वह बाकी सभी बच्चों से अलग क्यों है। उन्होंने कई बार तो ये सोचा की मेरे जीना भी बेकार है जब मैं कुछ कर नहीं सकता तो। लेकिन निक के माता-पिता उसे हर तरह से आत्मनिर्भर बनाना चाहते थे। छोटी उम्र से ही निक के माता-पिता उसे पानी के तैरना सिखाने लगे। छह साल की उम्र में उसे पंजे की सहायता से टाइप करना सिखाने लगे। विशेषज्ञों की मदद से उन्होंने निक के लिए प्लास्टिक का ऐसा डिवाइस बनवाया जिनकी सहायता से निक ने पैंसिल व पैन पकड़ना व लिखना सीखा।
जब निक 17 साल के हुए, उसने अपने चर्च समूह में भाषण देना शुरू किया।एक वक्ता के रूप में, वह मुख्य रूप से स्कूल के बच्चे,युवा वयस्कों और कामकाजी पेशेवरों को संबोधित करते है।उन्होंने दुनियाभर के विविध चर्चो में संबोधित किया,क्योंकि उनका मानना है कि ईसा मसीह उससे प्यार करते है। 2008 में निक ने अमेरिका के एक TV Show 20/20 के लिए Interview दिया। 2009 में निक ‘The butterfly circus’ इस Short film में काम किया।इस film को कई Award मिले।2010 में निक ने “Life without limits: Inspiration for a ridiculously good life” नाम की किताब लिखी। अब तक वे 7 किताब लिख चुके है।
The former assistant says that it’s important for people to call out hypocrisy when they see it, even if it hurts.https://t.co/nNy8zTSRv2
— InqPOP! (@InqPOP) August 10, 2020
2007 में, निक ने ऑस्ट्रेलिया से दक्षिणी कैलिफोर्निया तक लंबी यात्रा की। 2005 में निक ने लाइफ विदाउट लिम्बस मंत्रालय की स्थापना की। वह वर्तमान में इस संस्था के अध्यक्ष और सीईओ के रूप में सेवारत हैं। आज वह बड़े बड़े बिजनेसमेंन बुद्धिजीवी और लोगों से खचाखच भरे स्टेडियम में पूरी ठनक के साथ बोलते हैं। उन्होंने कई लोगों को जीना सिखाया है। वे खुद तो पैरों पर खड़े नहीं हो सकते लेकिन कितने लोगों को उन्होंने खड़ा होना सिखाया है।