NEW DELHI : अक्सर हम लोगो से सुनते हैं कि फला भाभी और ननद में झगड़ा चल रहा है, वैसे भी घर में ननद भाभी का झगडा सामान्य सी बात है। ननद भाभी के झगडें को सुलझा पाना किसी के बस की बात भी नहीं हैं, यह को प्राचीन समय से चला आ रहा एक रिवाज है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ननद भाभी के झगड़े की शुरूआत कहा से हुई। आज हम आपको ननद भाभी के झगडें की शुरुआत के बारे मे बता रहे हैं। यह सब कैसे और कहा से शुरू हुआ।
Listen Bhawani : I am telling you, 108 names of Shri Durga Devi..
One who recites these names with pure devotion and focus on any name, the he/she will attain the qualities of that name..Glory to Shri Parvati Mata 😊🙏 pic.twitter.com/aN6UeSDB9o
— स्वयंभू🇮🇳 (@shiv_swayambhu) October 23, 2020
Ardhanarishwar Shivling!
Shiv Mandir kathgarh, Indora, HP.
Rare & only temple in world where Shivling is worshipped as Ardhanarishwar standing 6ft & split in 2- larger part is Shiva & smaller is Maa Parvati. It's believed distance between 2 keeps increasing & decreasing
📷google pic.twitter.com/WVO4u5bGEi— Shining_Star🚩🇮🇳🚩 (@yashshiningstar) October 26, 2020
कहा जाता है कि भगवान शिव की एक बहन भी थीं लेकिन इनके बारे में धर्म गंर्थों में बहुत कम जानकारी मिलती है। कहा जाता है कि जब शंकर भगवान से शादी कर माता पार्वती कैलाश पर्वत आ गई, तब उन्हें कैलाश पर्वत पर बहुत अकेलापन लगने लगा वे मन ही मन सोचती कि काश, उनकी कोई ननद होती, जिससे वे बातें करतीं, देवी पार्वती के मन की बात को समझ कर भगवान शिव ने अपनी माया से एक देवी को उत्पन्न किया, हालांकि उनका रूप बड़ा विचित्र था।
भगवान शिव की माया से उत्पन्न देवी बहुत मोटी थीं और उनके पेरों में दरारें थीं। भगवान शिव ने उनका नाम असावरी देवी रखा, ऐसे देवी पार्वती को ननद मिल गई। इसके बाद देवी पार्वती ने असावरी देवी को स्नान करवाया और फिर भोजन पर आमंत्रित किया। जब देवी असावरी ने खाना शुरू किया तो माता पार्वती का सारा भंडार खाली हो गए जिसके चलते देवी पार्वती को इसका बुरा लगा, लेकिन उन्होंने किसी से कुछ नहीं कहा।
इसके बाद असावरी देवी ने अपनी भाभी के साथ मजाक किया जिसके चलते उन्होंने पार्वती को अपने पैरों की दरारों में छुपा लिया ऐसा करने के बाद शंकरजी देवी पार्वती को खोजते हुए आए तो देवी असावरी ने जोर से पैर पटककर देवी पार्वती को बाहर निकाला, जिसके कारण देवी पार्वती आहत हुईं इसके बाद देवी पार्वती ने भगवान शिव से कहा कि आप तो ननद को उसके ससुराल भेज दो। इसके बाद भगवान ने देवी असावरी को कैलास से विदा कर दिया।