New Delhi : बिहार के छपरा में एक अजीब मामला सामने आया है। एक बूढ़ी महिला जब अपने जनधन खाते से पैसा निकालने गई तो बैंकवाले ने कहा – आप तो मर चुकी हैं। आपको आपके खाते के पैसे कैसे दें।
सुनने में आपको अटपटा लग रहा होगा, लेकिन ये सच है। छपरा के बनियापुर प्रखंड के धवरी टोला गांव की गरीब महिला चानो देवी के साथ ऐसा हुआ है। चानो देवी जब लॉकडाउन के दौरान अपने जनधन खाते से पैसा निकालने गई तो उन्हें ऐसा जवाब मिला। अब चानो को ये सबूत देना पड़ रहा है कि वह जिंदा हैं।
घटना पिछले हफ्ते की है। लॉकडाउन के चलते चानो को भी पैसे की दिक्कत हो गई थी। इसी बीच उन्हें खबर मिली कि ग्रामीण बैंक के सीएसपी पर कोरोना बन्दी के दौरान सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत लोगों को पैसे मिल रहे हैं। चानो देवी भी अपने पैसे निकालने के लिए वहां पहुंची। लेकिन सीएसपी संचालक से उन्हें पता चला कि खाता तो बंद हो गया है। जब बुजुर्ग महिला इसकी वजह पूछी तो बताया गया वो मृत हैं इसलिए उनका खाता बंद कर दिया गया है।
चानो देवी बेहद परेशान थीं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि ये हुआ कैसे। एक तो लॉकडाउन ऊपर से पैसों की दिक्कत और अब खुद को जिंदा साबित करने की कोशिश। लिहाजा, चानो देवी ने बैंक से ही पूछा कि आखिर उन्हें मृत घोषित किसने किया। तब पता चला कि गांव की महिला सरपंच पूनम देवी ने ही उनकी मृत्यु का प्रमाण पत्र जारी किया था। सरपंच के लेटर हेड में लिखा गया है कि चानो की मौत 9 अक्टूबर 2019 को हो चुकी है। हैरत की बात ये है कि लेटर हेड पर साइन सरपंच पूनम देवी ने नहीं किया है। पूछे जाने पर पंचायत की महिला सरपंच ने कहा है कि यह गलती उनके छोटे बेटे ने की है। यानि लेटर हेड पर हस्ताक्षर भी सरपंच के बेटे ने ही कर दिया।