New Delhi : सरकारी वेबसाइटों को डिजाइन करने वाले राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) ने कहा है कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आरोग्य सेतु ऐप किसने बनाया है और इसे कैसे बनाया गया है। मुख्य सूचना आयोग (CIC) ने इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के तहत आने वाले एनआईसी की खिंचाई की है और विभिन्न मुख्य सार्वजनिक सूचना अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुये उनसे आरटीआई आवेदन का जवाब देने को कहा है जिसमें कोविड -19 के संपर्क ट्रेसिंग के बारे में सवाल किया गया था। CIC ने कहा कि इसका जवाब नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है।
[Breaking] Ministry Of Electronic, NIC And NeGD Have No Information About Who And How Created Arogya Sethu App: CIC Summons CPIOs @GoI_MeitY https://t.co/rHE0sHoe1f
— Live Law (@LiveLawIndia) October 28, 2020
14 April, @narendramodi: Arogya Setu is our most imp weapon in fight against Covid19
2 May, @RahulGandhi: Arogya Setu is a sophisticated surveillance system, serious concerns on data security & privacy
28 Oct, Modi Govt: Sorry, what Arogya Setu?
India: 😐
Modi: 😐
RG: 🤦♂️
— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) October 28, 2020
Q: Who created Arogya Setu app?
IT Ministry 👇 pic.twitter.com/ngkCMk7HHz
— Neembu Paani (@bhootkaaal) October 28, 2020
Here is the hero who was pushing the Arogya Setu App to the public on twitter without having any idea of where it came from.
The fraud. https://t.co/90ojoG0fYm
— SonaliRanade (@sonaliranade) October 28, 2020
शिकायत सौरव दास द्वारा दर्ज की गई थी। सौरव दास ने जानना चाहा कि जिस ऐप को करोड़ों भारतीय ने डाउनलोड किया आखिर उसको किसने डेवलप किया। एनआईसी, राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (नेगीडी) या फिर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने। इस ऐप के डेवलपमेंट से जुड़ी सारी जानकारी सौरव ने सूचना अधिकार कानून के तहत मांगी। लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप को डाउनलोड करना अनिवार्य कर दिया था। गृह मंत्रालय ने रेस्तरां, सिनेमा हॉल, मेट्रो स्टेशन, एयरपोर्ट में प्रवेश करने से पहले इस मोबाइल एप्लिकेशन को डाउनलोड करना अनिवार्य कर रखा है। लेकिन सौरव दास ने कहा कि ऐप की डेवलपमेंट से जुड़ी कोई जानकारी या किसने इसे डेवलप किया के संबंध में न तो एनआईसी और न ही मंत्रालय के पास कोई जानकारी है।
CIC ने नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर को यह बताने के लिए भी कहा है कि वेबसाइट पर उसका नाम क्यों है, जबकि इसके बारे में उसे कोई जानकारी ही नहीं है। सूचना आयुक्त वनजा एन सरना ने आदेश दिया है- आयोग ने सीपीआईओ, एनआईसी को निर्देश दिया कि वह इस मामले को लिखित रूप में बतायें कि वेबसाइट https://aarogyasetu.gov.in/ को डोमेन नाम gov.in के साथ कैसे बनाया गया है, अगर उनके पास इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।
CIC ने कहा कि केवल ऐप के निर्माण के बारे में ही नहीं, किसी को भी “बनाई गई फ़ाइलों के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है”। प्राप्त इनपुट्स, ऑडिट के उपायों की जाँच या व्यक्तिगत डेटा का दुरुपयोग हो रहा है या नहीं, इसकी जानकारी या जांच की जानकारी भी किसी को नहीं है। ऐप और इसके सुरक्षा पहलुओं पर पहले भी चिंता जताई जा चुकी है।
PM was proudly saying that GOI has created arogya setu app.@fayedsouza @TheDeshBhakt @dhruv_rathee @newslaundry https://t.co/1vwKQoJN7n pic.twitter.com/24aFrxxkki
— Rajendra singh (@mr_singhraj) October 28, 2020
The Arogya Setu app, is a sophisticated surveillance system, outsourced to a pvt operator, with no institutional oversight – raising serious data security & privacy concerns. Technology can help keep us safe; but fear must not be leveraged to track citizens without their consent.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 2, 2020
Aarogya Setu is now being appreciated globally. The App is NOT outsourced to any private operator.
Mr. Gandhi really high time that you stop outsourcing your tweets to your cronies who do not understand India.— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) May 2, 2020
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पहले सरकार पर डेटा सुरक्षा में सेंध लगाने का आरोप लगाया था। उन्होंने ट्वीट किया था- आरोग्य सेतु ऐप, एक परिष्कृत निगरानी प्रणाली है, जो एक प्राइवेट ऑपरेटर के लिए आउटसोर्स है, जिसमें कोई संस्थागत निरीक्षण नहीं है – यह डेटा सुरक्षा को लेकर गंभीर खतरा है और गोपनीयता संबंधी चिंताओं को बढ़ाता है। प्रौद्योगिकी हमें सुरक्षित रखने में मदद कर सकती है, लेकिन उनकी सहमति के बिना नागरिकों को ट्रैक करने के लिए भय का लाभ नहीं उठाया जाना चाहिये। इस ट्वीट के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोपों का खंडन किया था और कहा था कि आरोग्य सेतु को किसी भी निजी ऑपरेटर को आउटसोर्स नहीं किया गया है।