प्रोडक्शन के कई रिकार्ड बना बंद हुई ATLAS साइकलें : कंपनी ने कहा-पैसे ही नहीं, मजदूरों की फांकाकशी

New Delhi : 69 साल पुरानी एटलस साइकिल कंपनी ने आर्थिक तंगी के कारण फैक्ट्री में काम रोक दिया है। इससे कंपनी के 450 कर्मचारियों के सामने जीवन यापन का संकट खड़ा हो गया है। एक समय साल में 40 लाख साइकिल बनाने वाली कंपनी ने अब ले-ऑफ नोटिस में कहा है- संचालकों के पास फैक्ट्री चलाने के लिए रकम नहीं है। यहां तक कि कच्चा माल खरीदने के भी पैसे नहीं हैं। इसलिए वर्कर्स ले-ऑफ कर लें।

 

कंपनी पिछले कई वर्षों से भारी आर्थिक संकट से गुजर रही है। कंपनी ने सभी उपलब्ध फंड खर्च कर दिये हैं। अब स्थिति यह है कि कंपनी के पास आय का कोई भी स्रोत नहीं बचा है। रोज के खर्चों के लिए भी रकम उपलब्ध नहीं हो पा रही है। नोटिस में प्रबंधक ने कर्मचारियों से कहा है कि जब तक संचालक धन का प्रबंध नहीं कर लेते, तब तक कारखाने में कच्चा माल नहीं आयेगा। ऐसी स्थिति में संचालक फैक्ट्री चलाने की स्थिति में नहीं हैं। नोटिस में वर्कर्स को 3 जून से ले-ऑफ करने को कहा गया है।

 

1951 में जानकी दास कपूर द्वारा स्थापित एटलस साइकिल कंपनी ने पहले ही साल 12 हजार साइकिल बनाने का रिकॉर्ड बनाया था। 1965 तक यह देश की सबसे बड़ी साइकिल निर्माता कंपनी बन गई। 1978 में भारत में पहली रेसिंग साइकिल पेश कर एटलस दुनिया में शीर्ष साइकिल उत्पादक कंपनियों में से एक होने का गौरव भी हासिल कर चुकी है। कंपनी को ब्रिटिश स्टैंडर्ड इंस्टीट्यूशन से आइएसओ 9001-2015 सर्टिफिकेशन के साथ भी मान्यता दी गई। कंपनी ने सभी आयु समूहों के लिए एक विस्तृत शृंखला भी पेश की।

 

कंपनी को इटली के गोल्ड मर्करी इंटरनेशनल अवार्ड भी मिला। 2003 में एटलस ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज का पुनर्गठन, जयदेव कपूर अध्यक्ष बने। 2005 में विदेशों में कई कंपनियों के साथ रणनीतिक गठजोड़ किये।

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