सुशांत प्रकरण – सीबीआई ही करेगी जांच, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- बिहार पुलिस की FIR एकदम सही थी

New Delhi : सुशांत सिंह राजपूत प्रकरण की जांच सीबीआई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने आज बुधवार 19 अगस्त को इस आशय का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा – इस मामले में बिहार पुलिस द्वारा पटना में की गई एफआईआर एकदम सही थी। उसमें किसी तरह की परेशानी किसी को नहीं होनी चाहिये थी। सुशांत की गर्लफ्रेंड और लिव-इन पार्टनर रिया चक्रवर्ती ने पटना में की गई एफआईआर को मुंबई ट्रांसफर करने की अपील सुप्रीम कोर्ट में की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को फैसला रिजर्व रखते हुए सभी पक्षों से लिखित जवाब मांगा था।

आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि पटना में की गई एफआईआर में कोई दिक्कत नहीं है। बिहार पुलिस ने अपनी तरफ से इस मामले की जांच सही दिशा में की। बिहार सरकार ने ही इस केस की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा केंद्र सरकार से की थी। बिहार सरकार की इस अनुशंसा को केंद्र सरकार ने मान लिया था। इस मामले की जांच सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज शुरू भी कर दी है। लेकिन ऐसी आशंका थी कि अगर सुप्रीम कोर्ट पटना में दर्ज एफआईआर को टेक्निकली गलत मान कर उसे मुम्बई ट्रांसफर कर देता है तो फिर सीबीआई जांच की प्रक्रिया थम जायेगी। लेकिन आज कोर्ट में ऐसा कुछ नहीं हुआ।

बता दें कि जुलाई में खुद ही सीबीआई जांच करने की मांग कर रही रिया चक्रवर्ती एकाएक मुम्बई से फरार हो गई थी जब पटना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। रिया चक्रवर्ती को बचाने के लिये मुम्बई सरकार ने भी सारे घोड़े खोल दिये। न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में बिहार पुलिस के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी की बल्कि पटना से मुम्बई पहुंचे आईपीएस विनय तिवारी को क्वारैंटाइन के बहाने हाउस अरेस्ट कर लिया। जांच के लिये पहुंचे दूसरे अफसरों को भी जांच बंद कर छिपना पड़ा।

रिया ने याचिका दायर कर कहा था कि बिहार में की जा रही जांच को आधार मानते हुए सीबीआई को केस ट्रांसफर करना गैर-कानूनी है। अगर कोर्ट खुद सीबीआई से जांच करवाने का फैसला लेता है, तो फिर कोई आपत्ति नहीं होगी। दूसरी तरफ सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि सीबीआई जांच का फैसला सही है। मेहता ने मुंबई पुलिस के तरीके पर भी सवाल उठाये- मुंबई पुलिस ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं की, फिर 56 लोगों को समन भेजकर उनके बयान दर्ज कैसे कर लिये? सुशांत मामले में ईडी पहले ही केस दर्ज कर चुका है। जब एक केंद्रीय एजेंसी जांच शुरू कर चुकी है, तो फिर दूसरी एजेंसियों के जांच करने में भी कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिये।

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