New Delhi : कोरोना आपदा और लॉकडाउन के बीच बड़ी संख्या में लोग अपने घर जाने के लिये परेशान हैं। मजदूरों, श्रमिकों, कामगारों के काम छिन गये हैं। सब भूखे पेट रोते बिलखते पैदल, बस से, ट्रक से जैसे तैसे अपने घर जाने की होड़ में शामिल हैं। सरकार श्रमिक एक्सप्रेस तो चला रही है लेकिन ये नाकाफी हैं। ऐसे में कई लोग ऐसे भी हैं जो इन जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। उन्हें घर तक पहुंचा रहे हैं। खाना भी खिला रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं बॉलीवुड के सबसे बड़े दानवीर सोनू सूद। जो मदद मांग रहा है, जिस चीज से मदद मांग रहा है, सोनू करते हैं मदद। ऐसे में जब मुम्बई में फंसे एक स्टूडेंट ने सोनू सूद से मदद मांगी तो उन्हें ऐसा जवाब दिया कि अब पूरा देश सोनू को सलाम कर रहा है।
@SonuSood sir I'm a student & I stuck in thane.Nobody is helping me. My mother is very ill, she is very worried for me.I have to go to gorakhpur in uttarpradesh. you're my last hope,please help me sir please😢😢😢😢😢😢😢mob-9795818338,7007131902
— AKash Tiwari (@Akashtiwari100) May 18, 2020
हाल के दिनों में सोनू सूद ने कई बसों का इंतज़ाम अपने खर्चे पर किया और हज़ारों प्रवासी मज़दूरों को उनके घर तक पहुंचाने की ज़िम्मेदारी उठाई। पहले 10 बसों से प्रवासी मजदूरों को कर्नाटक भेजा और उसके बाद उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड के लिये भी बसें भेजीं। इसी बीच मुंबई से सटे थाणे में फंसे एक छात्र ने सोनू सूद से ट्विटर के ज़रिये मदद की गुहार लगाई।
आकाश तिवारी नाम के छात्र ने ट्विटर पर सोनू सूद को टैग करते हुए लिखा – सर मैं स्टूडेंट हूं और थाणे में फंसा हुआ हूं। कोई भी मेरी मदद नहीं कर रहा। मेरी मां बहुत बीमार है। वो मेरे लिए बहुत परेशान है। मुझे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जाना है। आप मेरी आखिरी उम्मीद हैं। मेहरबानी करें, मेरी मदद करेंगे।
सोनू सूद ने आकाश के ट्वीट को रीट्वीट किया और लिखा – अपनी मां से कहो कि तुम उन्हें जल्द देखोगे।
Tell your mom you are seeing her soon ❣️ https://t.co/DlC4lubhc0
— sonu sood (@SonuSood) May 18, 2020
शनिवार 16 मई को उन्होंने यूपी-बिहार-झारखंड के प्रवासी मजदूरों से भरी बसों को मुंबई से रवाना किया। उन्होंने सभी तरह की सरकारी अनुमति के साथ मजदूरों को मुम्बई से भेजा। प्रवासी मजदूरों से भरी कई बसें शनिवार को मुंबई के वडाला इलाके से लखनऊ, हरदोई, प्रतापगढ़ और सिद्धार्थनगर सहित प्रदेश के विभिन्न शहरों, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों के लिए रवाना हुईं।
इस बारे में बात करते हुए सोनू ने कहा – ये मेरे लिए बहुत भावुक यात्रा रही है क्योंकि इन प्रवासियों को अपने घरों से दूर सड़कों पर घूमते हुये देख मुझे बहुत दुःख हुआ। मैं प्रवासियों को घर भेजना तबतक जारी रखूंगा जब तक कि अंतिम प्रवासी अपने घर और चाहने वालों से ना मिल जाये। ये काम वास्तव में मेरे दिल के करीब है और मैं इसमें अपना सबकुछ लगा कुछ दूंगा। इसके अलावा सोनू ने रमजान के दौरान वंचित परिवारों के बीच खाना बंटवाने का भी इंतजाम किया है। वे भिवंडी क्षेत्र में प्रवासियों के लिए भोजन किट पहुंचवा रहे हैं। उन्होंने मुंबई स्थित अपने होटल को भी कोरोना से लड़ रहे मेडिकल स्टाफ को रहने के लिये दिया है। पंजाब में डॉक्टरों के लिए भी 1,500 से ज्यादा पीपीई किट वितरित करवाए हैं।
जरूरत के वक्त सोनू सूद ने हर बार आगे आकर देश और देशवासियों की मदद की है। इससे पहले उन्होंने पुलवामा सर्वाइवर्स को जिम और साइकिल सौंपी थी। वे कई एसिड अटैक सर्वाइवर्स की भी मदद कर चुके हैं। उन्होंने पैरालम्पिक एथलीटों को भी अपना समर्थन दिया था।
हाल ही में सोनू ने मुंबई में फंसे कर्नाटक के 350 से ज्यादा मजदूरों की मदद करते हुए उन्हें गुलबर्गा पहुंचाया था। इसके लिए 10 बसों का पूरा खर्चा उन्होंने ही उठाया था। तब भी उन्होंने दोनों राज्यों से सभी तरह की अनुमति लेने के बाद ये काम किया था। सोनू सूद ने इन जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया। सोनू ने प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए 10 बसों का इंतजाम किया। बसों में कामगारों को बिठाकर उन्होंने विदा भी किया। वे खुद बस से विदा करने गये थे। इसका वीडियो सोशल मीडिया प्लैटफार्म पर काफी वायरल हो रहा है।
सोनू सूद ने एक इंटरव्यू में कहा – कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में हम सभी को साथ आना होगा। कई लोग बेरोजगार हो गये हैं तो किसी के पास खाने और रहने की सुविधा नहीं है। यह एक मुश्किल वक्त है। इन लोगों की मदद के लिए हमने खास फूड और राशन ड्राइव चलाया है। ये मेरे पिता के नाम पर है और इसका नाम शक्ति आनंदनम है। मैं उम्मीद करता हूं कि इस ड्राइव के जरिए हम ज्यादा से ज्यादा लोगों की सेवा कर सकेंगे।