खेल मंत्री रिजिजू बोले- ज्योति क्षमतावान, साईं-साइकिल फेडरेशन दिल्ली में देगा नेशनल की ट्रेनिंग

New Delhi : लॉकडाउन में अपने पिता को साइकिल पर बैठाकर गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा पहुंची ज्योति कुमारी सुर्खियों में बनी हुई हैं। भारतीय साइकिलिंग महासंघ के निदेशक वीएन सिंह ने ज्योति को क्षमतावान करार देते हुए कहा – महासंघ उसे ट्रायल का मौका देगा। अगर वह मानकों पर थोड़ी भी खरी उतरती हैं तो उन्हें विशेष ट्रेनिंग और कोचिंग मुहैया कराई जाएगी। अब केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है – अगर ज्योति में क्षमता है तो उनको ट्रेनिंग देकर निखारा जायेगा। उसे आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी और सलाहकार इवांका ट्रंप ने बिहार की 15 वर्षीय बेटी ज्योति कुमारी की हिम्मत को सराहा है। इवांका के ट्वीट के बाद पहले से ही सुर्खियों में चल रही ज्योति स्टार बन गईं। ज्योति ने इवांका को धन्यवाद दिया। ज्योति ने कहा – मैं पहले इवांका दीदी को नहीं जानती थी। अब जान गई हूं। उन्होंने मेरा हौसला बढ़ाया। इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। वो बहुत बड़ी शख्सियत हैं। उन्होंने मेरे जैसी छोटी बच्ची की तारीफ की। यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है। मैं बहुत खुश हूं।
सशस्त्र सीमा बल के अधिकारी भी उनके घर पर गये और उनको साहस का प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद के ट्वीट के बाद आश्वासन दिया कि ज्योति को ट्रेनिंग दिलाया जायेगा। प्रसाद ने खेल मंत्री से ज्योति को प्रशिक्षण दिलाने में मदद करने का अनुरोध भी किया था। प्रसाद के इस ट्वीट का जवाब देते हुए रिजिजू ने उन्हें आश्वास्त किया है कि ज्योति की पूरी मदद की जाएगी।

रवि शंकर प्रसाद ने ज्योति कुमारी के बारे में ट्वीट करते हुए लिखा- बिहार की एक लड़की के साहस के बारे में जाना। जिसने गुरुग्राम से दरभंगा तक अपने पिता के साथ 1000 से ज्यादा किलोमीटर तक साइकिल चलाई। उनकी प्रतिभा निखारने के लिए खेल मंत्री किरेने रिजिजू से बात की।
इस पर केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने जवाब देते हुए लिखा- मैं आपको आश्वस्त करता हूं। ज्योति कुमारी के ट्रायल के बाद साईं अधिकारियों और साइकलिंग फेडरेशन को मुझे रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। यदि उनमें संभावना दिखी तो उन्हें दिल्ली में आईजीआई स्टेडियम परिसर में राष्ट्रीय साइक्लिंग अकादमी में प्रशिक्षु के रूप में चुना जाएगा।

ज्योति कुमारी लॉकडाउन में अपने पिता मोहन पासवान को साइकिल पर बिठाकर एक हजार किमी से ज्यादा की दूरी आठ दिन में तय करके गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा पहुंच गई थीं। इस दौरान ज्योति ने रोजाना 100 से 150 किमी साइकिल चलाई।
सीएफआई के निदेशक वीएन सिंह ने ज्योति के ट्रायल पर कहा था- मैंने उनसे बात की थी और उसे बता दिया है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद जब भी मौका मिलेगा वह दिल्ली आएं और उसका इंदिरा गांधी स्टेडियम में हम उसका छोटा सा टेस्ट लेंगे। हमारे पास वाटबाइक होती है, जो स्थिर बाइक है। इस पर बच्चे को बैठाकर चार-पांच मिनट का टेस्ट किया जाता है। इससे पता चल जाता है कि खिलाड़ी और उसके पैरों में कितनी क्षमता है। वह अगर इतनी दूर साइकिल चलाकर गई है तो निश्चित तौर पर उनमें क्षमता है।

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