कानपुर पुलिस पर कालिख- घर-जेवर बेच किडनैपर को दिये 30 लाख, न अगवा युवक मिला, न अपराधी

New Delhi : कानपुर पुलिस का विकास दुबे का किस्सा खत्म भी नहीं हुआ था कि दूसरा ऐसा किस्सा सामने आ गया है जिसने पूरे कानपुर पुलिस की भूमिका को कटघरे में खड़ा कर दिया है। किस्सा है अपहरण का। दरअसल 14 जुलाई को कानपुर एसएसपी ऑफिस में एक बहन अपने भाई के लिये दिनभर रोती रही। अपने गायब भाई के लिये और अपने घर की नींव हिल जाने के लिये। इस रोदन के पीछे छिपी थी कानपुर पुलिस की लापरवाही और बेरुखी।

गायब संजीत की बहन रुचि ने आरोप लगाया – पुलिस ने घर बिकवाकर किडनैपर्स को 30 लाख रुपये भी दिलवा दिये, लेकिन भाई का कुछ पता नहीं चल पाया। न ही कोई अपराधी पकड़ा गया है। रुचि अपनी मां के साथ कानपुर में एसएसपी ऑफिस पहुंची थी। वहां मदद के लिये चीख-चीखकर रोने लगी। संजीत एक पैथोलॉजी कर्मचारी था, जिसका 22 जून की रात को घर लौटते वक्त बदमाशों ने अपहरण कर लिया। इसके बाद फिरौती का फोन आया। संजीत को छोड़ने के लिये तीस लाख रुपये मांगे गये। इसके बाद परिवार ने पुलिस में शिकायत की।
संजीत की मां ने कहा – पुलिस ने उन्हें कहा कि वो पैसों का इंतजाम कर लें, हम पैसे देते वक्त अपराधियों को पकड़ लेंगे। इसके बाद परिवार ने अपना घर बेच दिया, बेटी की शादी के लिये जो जेवर रखे थे वो भी बेच दिये और 30 लाख रुपये जमा कर पुलिस की मौजूदगी में किडनैपर्स को दे दिये। लेकिन उन्होंने संजीत को नहीं सौंपा। पैसे देते वक्त थानेदार और पुलिस वहां मौजूद थी। लेकिन पैसा भी गया और अपराधी भी भाग गये। जिसके बाद अब घरवाले एसएसपी के आगे मदद की गुहार लगा रहे हैं।
संजीत का अपहरण करने वालों ने घरवालों को करीब 15 बार कॉल किया। इन कॉल्स को सर्विलांस पर भी लगाया गया था। इसके बावजूद पुलिस आज तक कुछ नहीं कर पाई। आश्चर्य की बात यह है कि घरवालों के पास एक ही फोन नंबर से फिरौती मंगाने के लिये कॉल आता रहा।
इस मामले पर एसपी अपर्णा गुप्ता ने कहा- बर्रा थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक व्यक्ति 22 तारीख को गायब हो गया था। मामले में लगातार पुलिस की तरफ से कार्रवाई की जा रही थी। पुलिस को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं, बहुत ही जल्द किडनैपर को पकड़ लिया जायेगा। एसपी ने कहा- ऐसा संभव नहीं कि पुलिस के सामने पैसा दिया जाये और किडनैपर भाग जाये। पुलिस मामले में पूरी मेहनत से काम कर रही है।

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