New Delhi : जबसे संदीप औरवाटांड़ लौटा है, गांव के लोग कोरोना को भूल सिर्फ सोनू सूद की ही चर्चा कर रहे हैं। गांव के अधिकांश लोगों ने सोनू सूद की तस्वीर को अपने मोबाइल फोन का वालपेपर बना लिया है और जब तब तस्वीर को निहारते मिल जाते हैं। आप सोच रहे होंगे कि झारखंड के गिरिडीह के सरिया प्रखंड में कि आखिर ऐसा क्या हुआ है। इसका जवाब इस गांव की वृद्ध महिला तारा देवी के पास है। कहती हैं-सोनू सूद तो मसीहा है। उसके ही कारण आज उनके बेटे संदीप, बहू एवं दोनों पोते मुंबई से घर लौट सके हैं। मेरे बेटे-बहू एवं पोतों को हवाई जहाज से घर भिजवाया। उसका उपकार कैसे भूल सकते हैं।
परिवार मेरा है भाई….तो तकलीफ़ कैसे आने देते ❣️🙏 https://t.co/6qYggKlhnB
— sonu sood (@SonuSood) June 10, 2020
मुंबई से लौटकर संदीप मंडल घर से करीब 15 किमी दूर झारखंडधाम के एक पेट्रोल पंप में काम करने लगा है। मुंबई के साठीनमा मानपुर में दो साल से पत्नी व दो पुत्रों समेत रह रहा था। लॉकडाउन में जमापूंजी खत्म हो गई। कई दिन भूखे रहना पड़ा। कई बार आसपास के लोगों ने सहयोग कर भोजन की व्यवस्था की। घर वापसी का रास्ता नहीं दिख रहा था। इस बीच सोनू सूद की टीम का नंबर मिला।
संदीप कहता है – जिस प्रकार लॉकडाउन में वापसी हुई वह सपना जैसा था। 28 मई को सोनू सूद के लिंक पर आवेदन दिया। 30 मई को वहां से फोन आया कि रांची के लिए आपका टिकट बन रहा है। आधार कार्ड भेजिये। आधार कार्ड भेजा तो टिकट कंफर्म हो गया। फिर फोन आया कि आज रात 12 बजे आपको निकलना होगा। क्या घर से हवाई अड्डा जाने के लिये आपके पास साधन है। हमने कहा कि कुछ भी नहीं है। तब रात 12 बजे घर पर चमचमाती कार आकर खड़ी हो गई। हवाई जहाज और इस तरह की महंगी गाड़ी में बैठना सपने के समान था। हम एयरपोर्ट पहुंचे। सुबह रांची के लिए उड़ान भरी। सुबह आठ बजे रांची पहुंचे। गिरिडीह जिला प्रशासन ने बस से बगोदर तक पहुंचाया। जब घर पहुंचे तो मां लिपटकर रो पड़ी। उसने वापसी की उम्मीद ही छोड़ दी थी। बार-बार उस फरिश्ते का नाम पूछ रही थी जिसने उसे यहां तक पहुंचाया।
I am sorry for the loss. 🙏 will send him tomorrow. He will reach his home soon. God bless. https://t.co/s6cjHOq819
— sonu sood (@SonuSood) June 10, 2020
संदीप ने बताया कि बगोदर के विधायक विनोद कुमार सिंह ने फेसबुक पर प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए एक नंबर डाला था। यह नंबर ओम नामक व्यक्ति का था। उसे मदद के लिए वाट्सएप पर संदेश भेजा था। इसके बाद उसने तीन बार 15-15 सौ रुपये भेजे थे। राशन की व्यवस्था कराई। बहुत स्थिति खराब हुई तो सोनू सूद की टीम का नंबर दिया ताकि वह वापस जा सके। वह मददगार अभी हैदराबाद में है। बगोदर आकर जब विधायक विनोद सिंह से मिला तो पता चला कि ओम उनकी पार्टी का कार्यकर्ता है। (दैनिक जागरण गिरिडीह एडिशन में छपी इस खबर को एक्टर सोनू सूद ने रिट्वीट किया है। और लिखा है- परिवार मेरा है भाई तो तकलीफ कैसे होने देते।)