सूर्य ग्रहण : घर में स्थापित भगवान की मूर्तियां को स्नान जरूर करायें, बहुत अशुभ जुड़े हैं इस ग्रहण से

New Delhi : रविवार 21 जून की सुबह साल का पहला और आखिरी सूर्यग्रहण होगा जो भारत में दिखेगा। सुबह 10.14 बजे से सूर्यग्रहण शुरू होगा। इसका सूतक शनिवार रात 10.14 बजे से शुरू हो गया। सूतक के समय पूजा-पाठ नहीं किये जाते हैं। इस समय में सिर्फ मंत्र जाप कर सकते हैं। ग्रहण सुबह 10.14 बजे से दोपहर 1.38 बजे तक रहेगा। ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है और ग्रहण खत्म होने तक रहता है। ग्रहण खत्म होने के बाद पूजा-पाठ किये जा सकेंगे।

इससे पहले 5 जून को चंद्र ग्रहण हुआ था। 21 जून को सूर्य ग्रहण है और 5 जुलाई को फिर से चंद्र ग्रहण होगा। 5 जून और 5 जुलाई के चंद्र ग्रहण का धार्मिक महत्व नहीं है। क्योंकि, ये मांद्य चंद्र ग्रहण हैं। इस ग्रहण में चंद्रमा के आगे सिर्फ धूल सी छा जाती है। इस तरह 30 दिन में तीन ग्रहण का दुर्लभ योग अब 119 साल बाद बनेगा। साल 2139 में 11-12 जुलाई की रात चंद्र ग्रहण, 25-26 जुलाई को सूर्य ग्रहण और इसके बाद 9-10 अगस्त की दरमियानी रात में चंद्र ग्रहण होगा। उस समय भी इन चंद्र ग्रहणों का धार्मिक महत्व नहीं रहेगा।
2020 से पहले शनि के मकर राशि में वक्री रहते हुए ऐसे तीन ग्रहण 1962 में हुये थे। 58 साल पहले 17 जुलाई को चंद्र ग्रहण, 31 जुलाई को सूर्य ग्रहण और 15-16 अगस्त की मध्य रात्रि में चंद्र ग्रहण हुआ था। इस साल में भी चंद्र ग्रहण की धार्मिक मान्यता नहीं थी। 1962 में भारत-चीन के बीच युद्ध हुआ था। कुछ दिनों बाद 1 सितंबर 1962 को ईरान में भारी भूकंप आया था। 2020 में भी ऐसे ही ग्रहण हो रहे हैं। पिछले कई दिनों से देश के अलग-अलग हिस्सों में लगातार भूकंप के झटके आ रहे हैं और आगे भी इसका खतरा बना रहेगा। ये ग्रहण भारत के अलावा एशिया, अफ्रीका और यूरोप के कुछ क्षेत्रों में भी दिखेगा। सभी जगह ग्रहण का समय अलग-अलग रहेगा।
सूतक के समय पूजा-पाठ न करें मानसिक रूप से मंत्रों का जाप कर सकते हैं। आप चाहे तो अपने इष्टदेव का ध्यान भी कर सकते हैं। ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। क्योंकि, ऐसे समय में सूर्य से हानिकारक तरंगे निकलती हैं जो कि मां और बच्चे की सेहत के लिए हानिकारक होती हैं।

खाने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल देना चाहिये, जिससे कि पका हुआ खाना ग्रहण के कारण अशुद्ध होने से बच जाये। ग्रहण खत्म होने के बाद घर की सफाई करनी चाहिये। घर में स्थापित देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को स्नान कराना चाहिये। पूजा-पाठ करना चाहिये।

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