तो इसलिये मसीहा बने सोनू : मजदूरों का दर्द समझता हूं, क्योंकि मैं भी प्रवासी बनकर मुंबई आया था

New Delhi : गरीबों के मसीहा और दानवीर बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद प्रवासी मजदूरों के लिये मसीहा बन गये हैं। कम से कम मीडिया ने तो उन्हें मसीहा बना लिया है। बीबीसी से लेकर कई बड़े मीडिया हाउस ने उनके बॉलीवुड एक्टर से मसीहा बनने की सफर के बारे में लिखा है। अब टाइम्स ऑफ इंडिया ने उनका इंटरव्यू लेकर दबंग और सिम्बा एक्टर के मसीहा बनने की कहानी बयां की है। वह कई दिनों से लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को बसों से माध्यम से उनके घर पहुंचाने में मदद कर रहे हैं।

अब तक उन्होंने 12 हजार से ज्यादा मजदूरों को उनके घर पहुंचा दिया है। सोनू सूद ने कहा कि एक समय में मैं भी प्रवासी था। इसलिए मैं इनका दर्द और संघर्ष को अच्छी तरह समझता हूं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा- मैं प्रवासी मजदूरों की मदद इसलिए कर रहा हूं कि क्योंकि मैं भी कभी प्रवासी था, जो अपनी आंखों ढेर सारे सपने लेकर मुंबई आया था। मुझे तस्वीरों से पता चला कि वे कितनी परेशानी से गुजर रहे हैं। वे बिना खाना और पानी के हजारों किलोमीटर सड़कों पर पैदल चले जा रहा है तो मुझे अपने शुरुआती दिनों की याद आ गई। मैं पहली बार मुंबई बिना आरक्षित टिकट के ट्रेन से आया था। मैं ट्रेन के दरवाजे पर खड़े होकर और वॉशरूम बगल में सोकर मुंबई पहुंचा था। मुझे पता है कि संघर्ष क्या चीज होती है।

सोनू सूद और उनकी टीम ने बसों के माध्यम से हजारों मजदूरों को मुंबई से कर्नाटक राजस्थान, झारखंड, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश और बिहार तक भेजा है और यह काम अभी भी जारी है। उनकी पत्नी सोनाली, बेटे एहसान और अयान भी उनके इस काम में मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने अभी हेल्पलाइन जारी किया है, जिसके माध्यम से लोग हमें संपर्क कर रहे हैं। जब कॉल आती है तो मेरी पत्नी नोट करती हैं और मेरे बेटे लिस्ट तैयार करते हैं कि किस बस में कौन जाएगा। इसके साथ ही सोनू सूद बस ट्रैवल के पेपरवर्क और मेडिकल टेस्ट रिपोर्ट्स भी देख रहे हैं।
ओडिशा के मशहूर सैंड आर्टिस्ट ने उनको अपनी ओर एक सैंड स्कल्पचर भेंट की है। उन्होंने फोटो सोनू सूद को समर्पित करते हुये लिखा है- छपरा, प्रवासी मजदूरों का सलाम। सोनू सूद ने उन्हें धन्यवाद किया है।

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