New Delhi : चीन और अमेरिका में तनातनी बढ़ती ही जा रही है। हॉन्गकॉन्ग को लेकर चीन के खिलाफ प्रतिबंधों के ऐलान का संकेत देने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी छात्रों के खिलाफ कठोर फैसले की घोषणा की। उन्होंने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से संबंध रखने वाले चीन के छात्रों और शोधकर्ताओं के देश में प्रवेश पर रोक लगाने की घोषणा की है। ट्रंप ने कहा – अमेरिका से बौद्धिक संपदा और प्रौद्योगिकी हासिल करने के लिए स्नातक छात्रों का इस्तेमाल करने की चीन की कोशिशों को खत्म करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
Right on!
We don’t have to pay organizations to lie to us. They’ll probably do it for free. https://t.co/2zBIamnv2L
— Rep. Jim Jordan (@Jim_Jordan) May 29, 2020
दूसरी तरफ, चीन ने अमेरिका में उसके छात्रों पर प्रतिबंध लगाने की ट्रंप की धमकी को शुक्रवार को नस्लवादी बताया था। इस संबंध में शुक्रवार को घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा कि चीन ने अपनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के आधुनिकीकरण के लिए संवदेनशील अमेरिकी प्रौद्योगिकियों और बौद्धिक संपदा को हासिल करने के लिए व्यापक अभियान चलाया हुआ है। उन्होंने कहा कि चीन की यह गतिविधि अमेरिका की दीर्घकालीन आर्थिक शक्ति और अमेरिकी लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा है।
ट्रंप ने आरोप लगाया कि चीन अपने कुछ छात्रों ज्यादातर पोस्ट ग्रैजुएट और शोधकर्ताओं का इस्तेमाल बौद्धिक संपदा को एकत्रित करने के लिए करता है, इसलिए पीएलए से जुड़े चीनी छात्रों या शोधकर्ताओं के चीनी अधिकारियों के हाथों इस्तेमाल होने का अधिक जोखिम है और यह चिंता का सबब है। उन्होंने कहा- इसे देखते हुए मैंने फैसला किया कि अमेरिका में पढ़ाई या शोध करने के लिए ‘एफ या ‘जे वीजा मांगने वाले कुछ चीनी नागरिकों का प्रवेश अमेरिका के हितों के लिए खतरनाक होगा।