New Delhi : भारतीय-अमेरिकी पूंजीपतियों का कहना है कि वैश्विक आईटी हब सिलिकॉन वैली में किसी को भी भारत द्वारा टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने का कोई खेद नहीं है, बल्कि वहां लोग चाहते हैं कि अमेरिका भी चीन की इस लोकप्रिय ऐप के खिलाफ ऐसा ही कदम उठाए। भारत ने टिकटॉक सहित चीन की 59 ऐप पर सोमवार (29 जून) को प्रतिबंध लगा दिया था। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण सीमा (एलएसी) पर जारी गतिरोध के बीच यह कदम उठाया गया।
#SiliconValley, the global IT hub, does not feel sorry for #TikTok, which has been banned in #India, and in fact wants the #US to take a similar step against the popular #Chinese app, according to a prominent Indian-American venture capitalisthttps://t.co/wsu3qhYZDM
— Outlook Magazine (@Outlookindia) July 2, 2020
टीईई सिलिकॉन वैली के पूर्व अध्यक्ष वेंकटेश शुक्ला ने कहा – टिकटॉक बेहद जल्दी लोक्रपिय होकर दर्शकों की संख्या, जनसांख्यिकीय जुड़ाव और विज्ञापनों के संदर्भ में ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्रभावी सोशल मीडिया मंचों की सूची में शामिल हो गया। टीआईई उद्यमी नेटवर्किंग का एक गैर-लाभकारी संगठन है।
शुक्ला ने कहा- विज्ञापनों के संबंध में प्रतियोगिता को देखते हुए, सिलिकॉन वैली को टिकटॉक के लिए खेद नहीं है। बल्कि यहां लोगों का मानना है कि अमेरिका को भी इस (टिकटॉक) पर प्रतिबंध लगा देना चाहिये। क्योंकि फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम भी तो चीन में प्रतिबंधित है, तो टिकटॉक यहां क्यों उपलब्ध है।
क्यूबा-अमेरिकी संगीत वीडियो निर्देशक और निर्माता रॉबी स्टारबक ने कहा है – अमेरिका को चीन की सभी वीडियो शेयरिंग ऐप पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। स्टारबक ने कहा- चीन के सभी एप प्रतिबंधित कर दें। ये राष्ट्रीय सुरक्षा को एक ऐसा खतरा है, जिसे हम उठा नहीं सकते। बिजनेस मैगजीन ‘फोर्ब्स’ ने कहा है- इन नए प्रतिबंधों का टिकटॉक के बाजार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उसने लिखा- पिछले सप्ताह एपल एएपीएल ने टिकटॉक को यूजर्स के ‘क्लिपबोर्ड’ में गुप्त रूप से सेंध लगाते पाया था। हालांकि टिकटॉक ने इसे एक तकनीकी समस्या बताया था, लेकिन इसकी व्यापक स्तर पर आलोचना की गई थी।
If these reports are accurate, @tiktok_us should be banned in America. The level of data collection by a Chinese owned company shows the lengths they will go to get as much info as they can on Americans. #BanTikTokhttps://t.co/VAXEtrRPch
— Rep Rick Crawford (@RepRickCrawford) June 26, 2020
अमेरिकी सेना ने पिछले साल दिसम्बर में अपने सैनिकों के टिकटॉक के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी थी। उसने ऐप को सुरक्षा के लिए खतरा बताया था। अमेरिकी नौसेना ने भी इसी तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। फरवरी में टिकटॉक एक मामले के निपटारे के लिए अमेरिकी संघीय व्यापार आयोग को 57 लाख डॉलर देने को भी राजी हुआ था। इसमें टिकटॉक पर 13 साल से कम उम्र के बच्चों से नाम, ईमेल का पता, उनका स्थान आदि जैसी व्यक्तिगत जानकारी अवैध रूप से एकत्रित करने का आरोप था।