New Delhi : दूरदर्शन के सबसे पापुलर और हर बच्चे-बुजुर्गों के दिल पर राज करने वाले ‘रामायण’ टीवी धारावाहिक के श्रीराम यानी अरुण गोविल अपनी उपेक्षा को लेकर बहुत व्यथा में हैं। आज एक औपचारिक इंटरव्यू सेशन में उनका यह दर्द सार्वजनिक मंच पर छलक उठा। उन्हें यह दर्द है कि आज तक उनको अपने श्रीराम के रोल के लिये किसी सरकार ने, चाहे कोई राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार, किसी ने सम्मान नहीं दिया।
हम सबने शुरुआत तो कर दी है रामराज्य की सही परिभाषा समझने की. यदि हम राम जी के व्यक्तित्व के तीन गुण – संकल्प, संयम और मर्यादा को अपना लें तो हम सब अपने देश के लिए कुछ भी कर सकते हैं. #रामायण https://t.co/Thr96WtreX
— Arun Govil (@arungovil12) April 25, 2020
उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर बातचीत के दौरान इस बात का जिक्र किया है। दरअसल, फिल्मफेयर के असिस्टेंट एडिटर रघुवेंद्र सिंह को अरुण गोविल इंटरव्यू दे रहे थे। इस दौरान एक सवाल आया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मामला सलट गया है। मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। और अब रामायण का प्रसारण, क्या अब हम रामराज्य की कल्पना कर सकते हैं? इसी सवाल पर अरुण गोविल का दर्द छलकने लगा।
अरुण गोविल ने लिखा – चाहे कोई राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार, मुझे आज तक किसी सरकार ने कोई सम्मान नहीं दिया है। मैं उत्तर प्रदेश से हूँ, लेकिन उस सरकार ने भी मुझे आज तक कोई सम्मान नहीं दिया। और यहाँ तक कि मैं पचास साल से मुंबई में हूँ, लेकिन महाराष्ट्र की सरकार ने भी कोई सम्मान नहीं दिया।
चाहे कोई राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार, मुझे आज तक किसी सरकार ने कोई सम्मान नहीं दिया है. मैं उत्तर प्रदेश से हूँ, लेकिन उस सरकार ने भी मुझे आज तक कोई सम्मान नहीं दिया. और यहाँ तक कि मैं पचास साल से मुंबई में हूँ, लेकिन महाराष्ट्र की सरकार ने भी कोई सम्मान नहीं दिया. #रामायण https://t.co/C91yuJClMr
— Arun Govil (@arungovil12) April 25, 2020
बताते चलें कि लॉकडाउन लगने के बाद सूचना प्रसारण मंत्रालय की पहल पर रामायण सीरियल का प्रसारण दूरदर्शन पर शुरू हुआ। और सीरियल का दोबारा प्रसारण शुरू होते ही इसने सफलता के झंडे गाड़ दिये। रामायण की वजह से सालों बाद दूरदर्शन निजी मनोरंजन चैनलों को पछाड़ कर टीआरपी का बादशाह बन बैठा। ऐसी स्थिति हुए कि रामायण के एक एक एपिसोड को औसतन 10 से 15 करोड़ लोग देख रहे थे।