शिवसेना बोली- अंतिम संस्कार में सिर्फ 20 लोग लेकिन शराब की दुकान पर 1000 इकटठा हो रहे हैं

New Delhi : लॉकडाउन में शराब बिक्री की छूट पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है – अंतिम संस्कार में सिर्फ 20 लोगों के शामिल होने की इजाजत है लेकिन, शराब की दुकान पर 1 हजार लोग इकट्ठे हो सकते हैं। मृत शरीर में आत्मा (स्पिरिट) नहीं होती और दुकानों में स्पिरिट (अल्कोहल) होता है! क्या इसलिए वहां ज्यादा लोगों को छूट दी जा रही है? गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिल श्रीवास्तव ने 5 मई को सोशल डिस्टेंसिंग की गाइडलाइन बताई थीं। उन्होंने कहा था कि शादी के फंक्शन में 50 से ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते। वहीं अंतिम संस्कार में 20 लोगों से ज्यादा के शामिल होने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

केंद्र सरकार ने 4 मई से शुरू हुए लॉकडाउन के तीसरे फेज में शर्तों के साथ शराब बिक्री की छूट दी है। महाराष्ट्र ने भी शराब की दुकानें खोलने का फैसला लिया था लेकिन, दुकानों पर भीड़ को देखते हुए फैसला वापस ले लिया। देशभर में शराब की दुकानों पर लंबी लाइनें लग रही हैं। कई जगह लोग सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रख रहे। ऐसे में पुलिस को दुकानें बंद करवानी पड़ रही हैं।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य सरकारें सोशल डिस्टेंसिंग बनाए बनाए रखने के लिए शराब की होम डिलीवरी पर विचार करें। याचिकाकर्ता की दलील थी कि लॉकडाउन में शराब की बिक्री से आम आदमी की जिंदगी खतरे में न पड़े। गृह मंत्रालय को शराब की बिक्री पर राज्यों को सफाई देनी चाहिए। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई साफ आदेश तो नहीं दिया लेकिन, राज्यों को शराब की होम डिलीवरी की सलाह दी।

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